शिवभक्तों की आस्था कोरोना पर भारी
मुख्यालय के सिंहेश्वरी मंदिर में सुबह से ही भक्तों की लाइन लगी रही। देवी की पूजा करने के बाद शिव को जल चढ़ाया। रामजानकी मंदिर हनुमानगढ़ी मंदिर बेलहिया माता मंदिर पुरानी नौगढ़ स्थित प्राचीन शिवमंदिर संकटमोचन मंदिर में भी लोगों ने दर्शन किया।
सिद्धार्थनगर: श्रावण मास के दूसरे सोमवार को शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया। कोरोना पर शिवभक्तों की आस्था भारी पड़ी। शारीरिक दूरी के नियम का पालन करते हुए शिवलिग की विधिवत पूजा-अर्चना की। त्रिमुखी बेलपत्र, धतूरा, मदार, कनेल के फूल, गंगाजल, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद आदि से शिव लिंग का अभिषेक किया तो चंदन से श्रृंगार भी किया। कुछ भक्तों ने ठंडई का लेप भी लगाया। सुबह से ही जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। सभी मंदिरों पर पुलिस तैनात रही।
मुख्यालय के सिंहेश्वरी मंदिर में सुबह से ही भक्तों की लाइन लगी रही। देवी की पूजा करने के बाद शिव को जल चढ़ाया। रामजानकी मंदिर, हनुमानगढ़ी मंदिर, बेलहिया माता मंदिर, पुरानी नौगढ़ स्थित प्राचीन शिवमंदिर, संकटमोचन मंदिर में भी लोगों ने दर्शन किया। इटवा प्रतिनिधि के अनुसार कटेश्वरनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं ने तड़के ही पूजन के लिए लाइन लगा दी। जयघोष के बीच लोग जलाभिषेक करते रहे। बिस्कोहर प्रतिनिधि के अनुसार अहिरौली पड़री स्थित पड़ेश्वरनाथ मंदिर में लोगों ने पूजन-अर्चन किया। पुलिस ने शारीरिक दूरी के नियम का पालन कराते हुए महिला व पुरुष की अलग कतार लगवाई। बढ़या प्रतिनिधि के अनुसार बउरहवा बाबा मंदिर पर श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना के साथ जलाभिषेक किया। मंदिर सेवा समिति के सदस्य रंगीलाल, सोमनाथ, विनय त्रिपाठी, राजेश गुप्ता, गुड्डू, विजय, राकेश, राम उग्रह, राम सेवक, सुनील आदि व्यवस्था में लगे रहे। जोगिया प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र निवासियों ने पहले योगमाया मंदिर में दर्शन किया। यहां जल चढ़ाने के बाद बूढ़ी राप्ती से कावड़ में जल भरा। करीब 11 किमी पदयात्रा करते हुए धेंसा स्थित सेवरा मंदिर और प्राचीन शिवमंदिर हरनी में जलाभिषेक किया।