सुधरने लगी वृहद गोसंरक्षण केंद्र महरिया की दशा
सदर तहसील के वृहद गोसंरक्षण केंद्र महरिया की दशा बदलने लगी है। मंगलवार को पूरे दिन टैगिग हुई गायों के स्वास्थ्य की जांच होती रही। साफ-सफाई में मजदूर लगे रहे। लखनऊ से आई चिकित्सकों की टीम ने गायों का इलाज किया। निदेशक पशुपालन निगरानी करते रहे।
सिद्धार्थनगर : सदर तहसील के वृहद गोसंरक्षण केंद्र महरिया की दशा बदलने लगी है। मंगलवार को पूरे दिन टैगिग हुई गायों के स्वास्थ्य की जांच होती रही। साफ-सफाई में मजदूर लगे रहे। लखनऊ से आई चिकित्सकों की टीम ने गायों का इलाज किया। निदेशक पशुपालन निगरानी करते रहे। वृहद गोसंरक्षण केंद्र में टैगिग हुई कुल 283 गाय मौजूद हैं। गो-सदन में भूख व प्यास से तड़प-तड़प कर 15 गाय की मौत हो गई है। टीम दिनभर ग्राम सचिव व रोजगार सेवक को खोजती रही।
शनिवार को वृहद गोसंरक्षण केंद्र महरिया में 15 गाय के शव मिले थे। इनमें 11 शव पुराने थे। चार की मौत 24 घंटे के भीतर होना बताया गया गया था। हियुवा कार्यकर्ताओं ने मामले का संज्ञान अधिकारियों को दिया था। कार्यकर्ता व नायब तहसीलदार के बीच तीखी नोकझोक भी हुई थी। प्रशासन हरकत में आते हुए चार शव का पोस्टमार्टम कराया। गाय की मौत का कारण भूख व प्यास (रुमन इम्पिटी) से होना मिला। टीम में निदेशक पशुपालन डा. एसके श्रीवास्तव, सीवीओ डा. ज्ञान प्रकाश, लखनऊ से आए डा. आशीष सिंह, डा. अभिषेक श्रीवास्तव, डा. अखिलेश सिंह, पशुधन प्रसार अधिकारी अरुण कुमार प्रजापति, रमेश चंद, डा. प्रभाकर सिंह, ग्राम प्रधान जगदीश जायसवाल आदि मौजूद रहे।
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ग्राम सचिव नहीं करते थे रजिस्टर की जांच
निदेशक पशुपालन डा. एसके श्रीवास्तव ने वृहद गोसंरक्षण केंद्र महरिया का रजिस्टर की जांच की। पशुओं के दाखिल करने व निकासी का कोई डाटा नहीं दर्ज किया गया था। एक भी पन्ने पर ग्राम सचिव ने हस्ताक्षर नहीं किया था। इसको लेकर नाराजगी जताई।