न्याय के लिए चार दशक से लगा रही चक्कर
लोगों का थाना समाधान दिवस से विश्वास उठता जा रहा है। योजना की शुरूआत में ग्रामीणों में आस बंधी थी कि थाना स्तर से ही न्याय मिल जाएगा। समय बीतने के साथ ही उनका भ्रम समाप्त होता गया। उदाहरण भी सामने है, पहले फरियादियों की संख्या दर्जनों में होती थी, अब इक्का-दुक्का लोग ही पहुंचते है।
सिद्धार्थनगर : लोगों का थाना समाधान दिवस से विश्वास उठता जा रहा है। योजना की शुरूआत में ग्रामीणों में आस बंधी थी कि थाना स्तर से ही न्याय मिल जाएगा। समय बीतने के साथ ही उनका भ्रम समाप्त होता गया। उदाहरण भी सामने है, पहले फरियादियों की संख्या दर्जनों में होती थी, अब इक्का-दुक्का लोग ही पहुंचते है। यहां पहुंचने वाले वह लोग होते जो किन्हीं कारणों से तहसील तक पहुंचने में असमर्थ होते है।
थाना समाधान दिवस महज औपचारिकता बनता जा रहा है। फरियाद ठंडे बस्ते में डाल दी जा रही है। रजिस्टर पर भी उसे दर्ज नहीं किया जाता है। ऐसा ही एक मामला शनिवार को भवानीगंज थाने में पहुंचा।
ग्राम पुरैना निवासी शिवमाती पत्नी धीरज अपनी भूमि का पक्की पैमाइश कराने के लिए करीब चार दशक से चक्कर काट रही है। पहले लेखपाल के घर पर माथा टेकती रही। फिर जब तहसील दिवस शुरू हुआ तो वहां पहुंचने लगी। वहां भी सुनवाई नहीं हुई। अब थाना समाधान दिवस में चक्कर काट रही है। कई बार शिकायत किया, लेकिन न्याय की बात कौन कहे, शिकायत भी रजिस्टर में नहीं दर्ज की गई है। इस संबंध में प्रभारी एसओ जयप्रकाश तिवारी ने कहा कि प्रार्थना पत्र रजिस्टर में दर्ज किया जाता है, आज जो पत्र दिया गया है, उसके लिए लेखपाल रामरूप को पैमाइश के लिए दिया गया है।
बांसी तहसील के ग्राम पुरबौला जगदीश पुत्र उदयराज भी थाना समाधान दिवस में चक्कर काट रहे है। घर के सामने स्थित गड़ही पर हो रहे अवैध कब्जे को रोकने का प्रयास कर रहे है। सात बार मामले को समाधान दिवस में प्रस्तुत कर चुके है। अभी तक नतीजा सिफर ही है। दो बार मौके पर लेखपाल व पुलिस टीम पहुंची भी थी। कब्जा कर रहे आरोपित को रोकने का प्रयास भी किया, लेकिन किन्हीं कारणों से टीम विफल रही।
शनिवार को हुए थाना समाधान दिवस में फरियादियों की संख्या नहीं के बराबर रही। किसी भी थाना पर दहाई की संख्या में फरियादी नहीं पहुंचे। पुलिस व राजस्व कर्मी दिनभर बैठकर चाय नाश्ता कर समय व्यतीत करते रहे। सभी थानों में मात्र 28 मामले प्रस्तुत हुए। जिनमें छह का तत्काल निस्तारण किया गया। थाना उसका बाजार, लोटन, डुमरियागंज, खेसरहा व त्रिलोकपुर में एक भी फरियादी नहीं पहुंचे। पूरे दिन सन्नाटा पसरा रहा। वहीं ढेबरूआ में एक मामला आया, लेकिन वह भी निस्तारित नहीं हो सका। शनिवार को मुख्यालय पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य आए थे। इस संबंध में सभी एसओ को वीआईपी ड्यूटी पर होने के कारण थाना समाधान दिवस की अध्यक्षता संबंधित थानों पर तैनात एसएसआई ने किया।