बिना प्रयोग ही खंडहर हुआ सामुदायिक शौचालय
खुले में शौच मुक्त का सरकार का अभियान ग्रामीणों की संवेदनहीनता के चलते कारगर साबित होता नहीं दिख रहा है। लोग बार-बार के आग्रह व समझाने के बाद भी शौचालयों का प्रयोग करने में कोताही बरत रहे हैं।
सिद्धार्थनगर : खुले में शौच मुक्त का सरकार का अभियान ग्रामीणों की संवेदनहीनता के चलते कारगर साबित होता नहीं दिख रहा है। लोग बार-बार के आग्रह व समझाने के बाद भी शौचालयों का प्रयोग करने में कोताही बरत रहे हैं। नतीजन सरकार की इस योजना पर पानी फिरता दिख रहा है। लोगों की उदासीनता के चलते गांवों में बने सामुदायिक शौचालय बिन प्रयोग ही खंडहर हो रहे हैं और इनका ध्यान देने वाले मूकदर्शक बने हुए हैं।
क्षेत्र के ग्राम हथपरा में ग्राम पंचायत द्वारा करीब ग्यारह वर्ष पूर्व लोगों के लिए करीब पांच लाख की लागत से सामुदायिक शौचालय का निर्माण करवाया गया। गांव में सामुदायिक शौचालय बन जाने के बाद भी लोगों द्वारा इसका प्रयोग नहीं किया गया न ही निर्माण के बाद इसके रखरखाव की तरफ ही किसी जिम्मेदार ने ध्यान दिया उपेक्षा के चलते आज भवन खंडहर बन गया है। भवन में जहरीले जीव जंतुओं ने अपना आसरा बना लिया है। तो गंदगी इतनी की इसके आसपास खड़ा होना भी दूभर हो गया है। खिड़की दरवाजे सब गायब हो गए हैं, भवन की स्थिति यह हो गई है कि वह कभी भी धराशाई हो सकता है। भवन की दुर्दशा देखकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग सरकारी भवनों के रखरखाव के प्रति कितना सजग है। दिनेश मिश्र व सुभावती ने कहा कि भवन बनने के बाद आज तक उसकी मरम्मत पर किसी ने ध्यान नहीं दिया जिसकी वजह से आज उसकी यह दुर्दशा हो गई है। कृष्णावती व साकिर अली का कहना है कि शौचालय में साफ-सफाई पर कभी ध्यान नहीं दिया जाता, जिसके कारण बनने के कुछ दिनों बाद ही जो इसका प्रयोग कर रहे थे वे भी उसमें जाना बंद कर दिए। सुखराज, अशरफ, यार मोहम्मद, रामदेव आदि ने ब्लाक प्रशासन से सामुदायिक शौचालय की दशा सुधारने की मांग की है।