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नामित को हटाकर दूसरे कंपनी से तैनात करा दिया कर्मचारी

जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत स्वास्थ्य विभाग से मांगी गई सूचना का जवाब दो वर्ष बाद आरटीआई कार्यकर्ता को मिली है। इससे विभाग में आउटसोर्सिंग से नियुक्ति के बड़े मामले की कलई खुल गई है। नामित को हटाकर दूसरे कंपनी से कर्मचारियों के तैनाती होने की पुष्टि हुई है जिसपर स्वास्थ्य महकमा के कान खड़े हो गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 11:46 PM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 06:08 AM (IST)
नामित को हटाकर दूसरे कंपनी से तैनात करा दिया कर्मचारी
नामित को हटाकर दूसरे कंपनी से तैनात करा दिया कर्मचारी

सिद्धार्थनगर: जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत स्वास्थ्य विभाग से मांगी गई सूचना का जवाब दो वर्ष बाद आरटीआई कार्यकर्ता को मिली है। इससे विभाग में आउटसोर्सिंग से नियुक्ति के बड़े मामले की कलई खुल गई है। नामित को हटाकर दूसरे कंपनी से कर्मचारियों के तैनाती होने की पुष्टि हुई है, जिसपर स्वास्थ्य महकमा के कान खड़े हो गए हैं। इसपर जांच के बाद कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।

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आरटीआइ कार्यकर्ता देवेश मणि त्रिपाठी ने मार्च 2018 में सूचना मांगी थी। तीस बार इसके लिए इन्होंने पत्र लिखा। स्थानीय और लखनऊ निदेशालय से मिली सूचना के अनुसार चिकित्सा शिक्षा विभाग अनुभाग एक ने 31 जनवरी 2015 को विभाग में स्टाफ की तैनाती के लिए मेसर्स अवनि परिधि एनर्जी एंड कम्यूनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड व मेसर्स रामा इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड कानपुर को नामित किया था। इसी बीच शासन ने 25 मार्च को एनएचएम के तहत तैनाती पर कर्मचारियों की तैनाती पर रोक लगा दी। इसके बावजूद जिले में तैनात रहे तत्कालीन सीएमओ डॉ वीपी शर्मा व एवं संयुक्त जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ रोचस्मति पांडेय ने उक्त दोनों कम्पनियों से स्टाफ नहीं लिया। जिम्मेदारों ने मिलीभगत करके ह्यूमन रिसोर्स प्राइवेट लिमिटेड बस्ती से 64 पदों पर कर्मचारियों की तैनाती, वार्ड व्बाय, आया सहित अन्य पदों पर करा लिया। जबकि कर्मचारियों की तैनाती के लिए नामित रामा इन्फोटेक ने मई माह में कर्मचारियों की तैनाती के लिए निविदा का प्रकाशन भी समाचार पत्रों में कराया था।

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शासन से जांच की मांग

आरटीआइ कार्यकर्ता देवेश मणि त्रिपाठी ने सूचना में अनियमितता का पर्दाफाश होने पर मामले की शिकायत शासन से की है। इसकी जांच भी जल्द शुरू होने की संभावना है। त्रिपाठी का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच होना जरुरी है।

सीएमओ डॉ सीमा राय ने कहा कि यह मामला मेरे तैनाती के पूर्व का है। मांगी गईं जनसूचना कार्यालय से उपलब्ध कराई गई है।अनियमितता की जानकारी नहीं है। शिकायत मिली तो जांच कराई जाएगी।


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