डुमरियागंज को मिला पूर्वांचल का पहला सैनिक स्कूल
पूर्वांचल का पहला सैनिक स्कूल डुमरियागंज में खोले जाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने डेढ़ वर्ष पहले इसके लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था।
सिद्धार्थनगर : पूर्वांचल का पहला सैनिक स्कूल डुमरियागंज में खोले जाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने डेढ़ वर्ष पहले इसके लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था। अब राज्य सरकार की इस कार्ययोजना को रक्षा मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद जमीन भी चिन्हित कर ली गई है। यह पूर्वांचल का पहला सैनिक स्कूल है।
योगी सरकार के कार्यकाल में अबतक प्रदेश को चार नये सैनिक स्कूलों की सौगात मिल चुकी है। अबतक प्रदेश में सिर्फ सरोजनीनगर लखनऊ में ही सैनिक स्कूल था। मौजूदा सरकार ने अपने इसी कार्यकाल में झांसी, अमेठी, मैनपुरी व बागपत में सैन्य स्कूल खोले जाने को मंजूरी दिलाई। अब पूर्वांचल के तराई बेल्ट में सैनिक स्कूल बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है। सैनिक स्कूलों में छात्र-छात्राओं को इंटर मीडिएट तक सीबीएसई बोर्ड से शिक्षा व एनडीए (नेशनल डिफेंस एकेडमी) की तैयारी कराई जाती है। यहां पढ़ने वाले बच्चों को सेना के तीनों अंगों के लिए तैयार किया जाता है। सैनिक स्कूल में 67 फीसदी सीटें उसी राज्य के बच्चों के लिए तो 25 फीसदी सीट रक्षा कर्मियों के बच्चों व बाकी अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रहती हैं। नेपाल सीमा के सटे डुमरियागंज में सैनिक स्कूल खुलने से स्थानीय बच्चों को बेहतर भविष्य मिल सकेगा।
सांसद जगदंबिका पाल के सहयोग से इस कार्ययोजना को मंजूरी मिली है। हमारे प्रस्ताव को उन्होंने केंद्र सरकार तक पहुंचाया और स्वीकृति दिलाई। भूमि की डिमांड हमसे की गई थी जो हमने उपलब्ध करा दी है।
राघवेंद्र प्रताप सिंह,
विधायक डुमरियागंज
तहसील मुख्यालय के निकट सोनखर में 50 एकड़ का प्लाट चिह्नित कर लिया गया है। सुरक्षा के ²ष्टिकोण से यहां छोटा बन्धा बनाने की जरूरत है। कार्ययोजना तैयार कर शासन को भेजा जा रहा है।
त्रिभुवन, एसडीएम, डुमरियागंज