कोरोना के वार पर डिजिटल का प्रहार
एक दशक पूर्व कम पूंजी से हार्डवेयर व्यवसाय की शुरुआत करने वाले शुभम पैलेस के प्रोपराइटर वेद प्रकाश राहुल ने कोरोना संक्रमण के दौर में बहुत नुकसान उठाया। दो वर्ष से होटल का व्यापार कर रहे हैं। अभी कुछ संभलते कि कोरोना संक्रमण ने व्यवसाय को धड़ाम कर दिया।
सिद्धार्थनगर जेएनएन : एक दशक पूर्व कम पूंजी से हार्डवेयर व्यवसाय की शुरुआत करने वाले शुभम पैलेस के प्रोपराइटर वेद प्रकाश राहुल ने कोरोना संक्रमण के दौर में बहुत नुकसान उठाया। दो वर्ष से होटल का व्यापार कर रहे हैं। अभी कुछ संभलते कि कोरोना संक्रमण ने व्यवसाय को धड़ाम कर दिया। पटरी पर लाने के लिए डिजिटल लेनदेन को आधार बनाया। सालाना 15 से 20 लाख का व्यापार कर रहे हैं। बारह कामगारों को रोजगार भी दे रहे हैं। लाकडाउन के दौरान इनकी जीविका को भी सहारा भी बने। कामगारों को रोजगार से जोड़े रखा। तीन माह तक व्यवसाय ठप होने के बावजूद भी इन्हें पगार देते रहे। कोरोना संक्रमण में आई चुनौतियों का सामना करने के लिए गूगल और डिजिटल प्लेटफॉर्म को माध्यम बनाया। कोविड-19 नियमों का पालन होता रहे और ग्राहकों को असुविधा न हो इसके लिए कैशलेस पेमेंट का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। संक्रमण काल मे आई चुनौतियों का सामना करने के लिए नई योजनाओं को मूर्त रूप देने मे लगे हैं। व्यापार को दोबारा पटरी पर लाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है।
वेद प्रकाश राहुल बताते हैं कि अनलाक में बाजार धीरे-धीरे उठने लगा है। शादी-ब्याह और लग्न में भी व्यवसाय कोरोना संक्रमण की भेंट चढ़ गया। संक्रमण से सब फीका पड़ा है।ग्राहकों को सहेज कर रखना चुनौती भरा काम था। इनसे समन्वय स्थापित करने के लिए सामाजिक कार्य मे भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। कोरोना के कारण व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ। इससे उबरने में अभी लंबा समय लग सकता है। अब बेहतर होने की संभावना है। सामान्य दिनों की तुलना में संक्रमण के चलते व्यापार 75 फीसद तक प्रभावित हुआ है। मार्च से होटल का गेट नहीं खुला। जिन्होंने शादी-विवाह व बर्थ-डे पार्टी आदि के लिए बुक कराया था वे भी निरस्त हो गए। इससे आर्थिक संकट भी उत्पन्न हो गया। अचानक से बंद होने के बाद कुछ समझ नहीं आ रहा था। लेन-देन ठप होने से कर्ज का बोझ भी बढ़ा। डिजिटल प्लेटफार्म से व्यवसाय को थोड़ी राहत जरूर मिली। अनलाक के प्रथम चरण में बाजार उठने लगा। बुकिग के लिए ग्राहक पहुंच रहे हैं। अभी इनकी संख्या कम है। अनलाक-चार में होटल और मैरिज हाल में सौ लोगों के इकट्ठा होने की छूट दे दी गयी है, लेकिन ग्राहकों में अभी भी कोरोना का भय व्याप्त है। पार्टी करने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। प्रतिष्ठान के कर्मचारी भी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए ग्राहकों को जागरूक करते रहते हैं।शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए प्रेरित करते हैं। लोग बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं।
डिजिटल लेनदेन से मिला सहारा लाकडाउन के दौरान व्यवसाय को संभालने के लिए बेहतर कार्ययोजना की तैयारी की। लेन-देन के लिए डिजिटल पेमेंट का सहारा लिया। कर्मचारियों को अपडेट किया गया। गूगल प्लेटफार्म की जानकारी देने का काम किया गया। तकनीकी का भरपूर उपयोग किया। बुकिग की जानकारी साझा करने के लिए फेसबुक और गूगल का उपयोग किया। फोन पे, गूगल पे, पेटीएम आदि के माध्यम से ग्राहकों को सुविधा देने की कोशिश जारी है। व्यापार में भी डिजिटल लेन देन से फायदा हो रहा है।
दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी
व्यवसाय के साथ साथ कोरोना संक्रमण से बचना भी बहुत जरूरी है। इसके लिए सभी को जागरूक करने का काम किया जा रहा है। जब ग्राहकों का आना शुरू हुआ। इसके लिए पहले से ही पूरा इंतजाम कर लिया गया है। सभी स्थानों को सैनिटाइज कराया जा रहा है। शारीरिक दूरी के साथ मास्क पहनने के प्रेरित किया जाता है। बिना मास्क किसी की भी अंदर आने की अनुमति नही है। सभी की थर्मल स्कैनिंग भी होती है।
परिवार को संक्रमण से बचाने की चुनौती
स्वयं के साथ परिवार को भी संक्रमण से बचाने की चुनौती थी। सामाजिक दायरा होने के नाते बाहर निकलना भी जरूरी था। अनलाक के कुछ दिन बाद बाजार के पास कुछ लोग संक्रमित मिले। प्रशासन ने पूरे क्षेत्र को कंटेंनमेंट एरिया घोषित कर दिया। होटल को सैनिटाइज कराया जाता है।
ग्राहकों के फीडबैक को मान कर शुरू की कार्ययोजना
लाकडाउन के दौरान ही व्यापार को संभालने की कार्ययोजना तैयार की। ग्राहकों से लगातार संवाद बनाये रखने के लिए कालिग, मैसेज, फेसबुक और वाट्सएप का सहारा लिया। पहले टर्नओवर अच्छा था। संक्रमण काल में व्यापार प्रभावित हो गया। इस दौरान कार्ययोजना की तैयारी की।