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कार्रवाई में देरी, उपभूमि व्यवस्था आयुक्त ने डीएम से मांगी आख्या

सिलिग की भूमि को भी फर्जी तरीके से करा लिया अपने नाम

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 10:47 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 11:51 PM (IST)
कार्रवाई में देरी, उपभूमि व्यवस्था आयुक्त ने डीएम से मांगी आख्या
कार्रवाई में देरी, उपभूमि व्यवस्था आयुक्त ने डीएम से मांगी आख्या

सिद्धार्थनगर: जांच में पुष्टि के बाद भी सरकारी भूमि पर कब्जा करने वालों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। फाइलों पर राजस्वकर्मी और अधिकारी कुंडली मारकर बैठे हैं। शोहरतगढ़ तहसील में भूमि मुआवजा में दो व्यक्तियों को फर्जी तरीके से 82 लाख के भुगतान में आरसी जारी नहीं हो सकी है। सरकारी संपत्ति को फर्जी तौर से अपने नाम कराने वालों पर भी कार्रवाई नहीं हुई है। आयुक्त ने इस पर डीएम को पत्र लिखकर आख्या मांगी है।

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शोहरतगढ़ के ग्राम धनौरा एहतमाली के गाटा संख्या 186 क और 200 क सिलिग भूमि बताई जा रही है। जिलाधिकारी की जांच में पूर्व में इसकी पुष्टि हो चुकी है। इस भूमि को इजहार अहमद ने फर्जी तरीके से अपना नाम करा लिया है। गांव के गुलाम हुसैन ने इसकी शिकायत शासन से की। इस पर सहायक प्रतिकर आयुक्त भीष्म लाल वर्मा ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कहा कि इस प्रकरण में परिषद के निर्देशानुसार ही जांच की गई थी। कार्रवाई के लिए मार्च 2018 में सूचना मांगी गई थी, लेकिन उपलब्ध नहीं कराई गई है। इस मामले में पुन: 19 अक्टूबर 2020 को जिलाधिकारी को पत्र लिखकर परिषद ने कार्रवाई के लिए पूछा है। इसी तरह शोहरतगढ़ के बढ़नी के गाटा संख्या 344 और 345 में दो अलग-अलग व्यक्तियों के नाम फर्जी तरीके से 82 लाख रुपये का भुगतान सरकारी कर्मियों की मिलीभगत से कराया गया है। लोहटी में फर्जी दस्तावेज तैयार कर खतौनी में दर्ज कराकर करीब पांच करोड़ का मुआवजा लेने की कोशिश की गई। जिलाधिकारी की जांच के बाद संबंधित के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। इसमें उपजिलाधिकारी के एक पेशकार की भी संलिप्तता सामने आई है। बीते नौ जनवरी के दूसरे पत्र में उप भूमि व्यवस्था आयुक्त ने जिलाधिकारी से कहा है कि शिकायतकर्ता के अनुसार तीन बिन्दुओं पर जांच हो चुकी है और जांच आख्या के आधार पर जनपद स्तर के अधिकारियों से कार्रवाई अपेक्षित थी, जो नहीं की जा रही है। फर्जी तरीके से जो भूमि दूसरे के नाम से अंकित कराई गई है, उस संबंध में जिलाधिकारी का निर्देश प्राप्त हुआ है। संबंधित का नाम खारिज किया जाएगा। अन्य मामलों में राजस्व की वसूली होनी है, जो एडीएम वित्त एवं प्रशासन के यहां से ही संभव है।

शिवमूर्ति सिंह, उपजिलाधिकारी, शोहरतगढ़

जिलाधिकारी के आदेश पर जांच पूरी हो चुकी है। एक प्रकरण में मुकदमा भी दर्ज कराया जा चुका है। इस संबंध में शासन से कार्रवाई के बारे में पूछा भी गया है। जिन भी व्यक्तियों ने गलत तरीके से राजस्व की क्षति पहुंचाई है, उनसे नियमानुसार वसूली की कार्रवाई की जाएगी।

सीताराम गुप्ता, एडीएम, वित्त एवं राजस्व


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