मूर्छित लक्ष्मण को देख रामदल में मचा हाहाकार
आदर्श रामलीला समिति बढ़नी चाफा के तत्वाधान में चल रहे 11 दिवसीय रामलीला के दसवीं रात्रि में कलाकारों ने शिवलिग स्थापना पुल निर्माण लक्ष्मण मेघनाथ संवाद लक्ष्मण शक्ति हनुमान के संजीवनी पर्वत लाने व मेघनाथ व कुंभकरण वध तक का सुंदर ढंग से मंचन किया। कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति देख कर हर कोई मंत्रमुग्ध हो उठा।
सिद्धार्थनगर : आदर्श रामलीला समिति बढ़नी चाफा के तत्वाधान में चल रहे 11 दिवसीय रामलीला के दसवीं रात्रि में कलाकारों ने शिवलिग स्थापना, पुल निर्माण, लक्ष्मण मेघनाथ संवाद, लक्ष्मण शक्ति, हनुमान के संजीवनी पर्वत लाने व मेघनाथ व कुंभकरण वध तक का सुंदर ढंग से मंचन किया। कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति देख कर हर कोई मंत्रमुग्ध हो उठा।
सोमवार की रात कलाकारों ने मंचन के दौरान दिखाया कि जब रावण ने अंगद का सुझाव नहीं माना तो श्री राम ने लंका पर चढ़ाई करने का निर्णय लिया। मेघनाथ की मायावी शक्तियों से निपटने के लिए लक्ष्मण जी प्रभु श्रीराम से आज्ञा लेकर युद्ध के लिए आते हैं। युद्ध के बीच वह अदृश्य होकर उन पर ब्रह्मास्त्र का प्रहार कर देता है। ब्रह्मास्त्र लगते ही लक्ष्मण जी मूर्छित हो जाते हैं। हनुमान जी लंका जाकर सुषेन वैद्य को उनके घर समेत उठा लाते हैं। वह बताते हैं कि यदि सूर्योदय से पहले हिमालय से संजीवनी बूटी आ जाए तो लक्ष्मण के प्राण बचाए जा सकते है। हनुमान द्रोणागिरी पर्वत से सुषैन के बताए स्थान पर संजीवनी बूटी लेने को जाते हैं, संजीवनी का पता नहीं लगने पर हनुमान जी पूरे पर्वत को ही अपने हाथों में उठा कर ले आते है। मनमोहक भावपूर्ण प्रस्तुति देख दर्शकों की आखें भर आईं।