पकड़ से दूर जालसाज, फाइलें चाट रहीं धूल
भोली-भाली जनता को चूना लगाने वाले धोखेबाज खुलेआम घूम रहे हैं और क्राइम ब्रांच में फाइलें धूल चाट रही हैं। जिम्मेदारों की अनदेखी से आर्थिक अपराधों की विवेचना फाइलों में सिमट कर रह गई है। समय बीतने के साथ ही कई विवेचक भी बदल गए। लेकिन कहानी जस की तस है।
सिद्धार्थनगर : भोली-भाली जनता को चूना लगाने वाले धोखेबाज खुलेआम घूम रहे हैं और क्राइम ब्रांच में फाइलें धूल चाट रही हैं। जिम्मेदारों की अनदेखी से आर्थिक अपराधों की विवेचना फाइलों में सिमट कर रह गई है। समय बीतने के साथ ही कई विवेचक भी बदल गए। लेकिन कहानी जस की तस है।
जनपद में आर्थिक अपराध से संबंधित आठ बड़े मामले दर्ज है। इनमें फर्जी चिटफंड कंपनी खोल कर करोड़ों का गोलमाल करना और बैंक के साफ्टवेयर को हैक करके जालसाजी करने जैसा मामला शामिल है। इन सभी मामलों की जांच क्राइम ब्रांच के पास है। कुछ मामलों में साक्ष्य संकलन भी नहीं हो सका है।
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केस एक
सदर थाना के खजुरिया मोहल्ला में इंडस केयर इंडस्ट्रीज के नाम से एक फर्जी कंपनी ने खाता धारकों का करीब एक करोड़ रुपये डकार लिया था। सदर थाना में दो मामले दर्ज है। इसके अलावा कई अन्य थानों में भी कई मुकदमे दर्ज हैं। 22 दिसंबर 2018 को आर्थिक अपराध शाखा से पत्राचार किया गया है। लेकिन क्राइम ब्रांच मुख्य आरोपित से पूछताछ भी नहीं कर पाई है।
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केस दो
सदर थाना में अर्बन को-आपरेटिव बैंक के पूरे सिस्टम को हैक करने का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ फर्जीवाड़ा करने का मुकदमा दर्ज किया था। आठ माह बीत गए है, अभी तक क्राइम ब्रांच को नहीं पता चल सका है कि कुल कितनी धनराशि का फर्जीवाड़ा किया गया है। पुलिस साक्ष्य संकलन नहीं कर सकी है।
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केस तीन
बैंक खाता से अवैध ढंग से फोन से एटीएम व ओटीपी संबंधित गोपनीय जानकारी एकत्र कर धोखाधड़ी करने के मामले में क्राइम ब्रांच ने आरोपित को खोज निकाला है। पश्चिम बंगाल निवासी आरोपित का नाम व पता सत्यापन करने के लिए टीम को वहां जाना है। पांच माह बीत गए लेकिन अभी तक टीम रवाना नहीं हुई।
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सभी मामलों की समीक्षा की जा रही है। संबंधित विवेचक को जल्द ही कार्रवाई पूर्ण करने के लिए निर्देश दिया गया है। विवेचना के दौरान प्रकाश में आरोपितों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी।
विजय ढुल
पुलिस अधीक्षक