उच्चतम न्यायालय का फैसला स्वागत योग्य
रामजन्म भूमि के बहुप्रतीक्षित फैसले के आने के बाद सभी धर्म के लोगों ने सम्मान के साथ इसे स्वीकार किया है। लोगों ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताते हुए मुल्क में अमन शांति की इच्छा जाहिर की।
सिद्धार्थनगर : रामजन्म भूमि के बहुप्रतीक्षित फैसले के आने के बाद सभी धर्म के लोगों ने सम्मान के साथ इसे स्वीकार किया है। लोगों ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताते हुए मुल्क में अमन शांति की इच्छा जाहिर की।
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जय हो फाउंडेशन के अध्यक्ष अफरोज मलिक ने कहा कि कोर्ट ने दोनों पक्षों के आस्था को ध्यान में रखकर फैसला लिया है। इस फैसले का स्वागत होना चाहिए और इसे सभी को स्वीकार करना चाहिए।
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मदरसा दारुल उलूम गरीब नवाज बैदौलागढ़ के प्रबंधक मौलाना हफीजुल्लाह ने कहा कि हमने पहले भी बोला था कि न्यायालय का फैसला स्वीकार होगा। हम अपने वादे पर कायम हैं और कायम रहेंगे। कोर्ट के फैसले स्वागत होना चाहिए।
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जामा मस्जिद डुमरियागंज के इमाम मुफ्ती एहसानुल्लाह कासिमी ने कहा कि हम फैसले का सम्मान करते हैं। इस फैसले ने वर्षों पुराने विवाद का अंत किया। सब मिलजुल कर रहते हैं और रहेंगे भी। फैसले के बाद अब जल्दी मंदिर निर्माण हो जाना चाहिए। जिससे हमेशा के लिए यह विवाद समाप्त हो जाए।
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मधुसूदन अग्रहरि पूर्व नपा अध्यक्ष ने कहा कि अयोध्या नगरी में भगवान श्री राम की जन्मस्थली को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने एक बड़ा फैसला किया है। जिसका हम सभी लोग सम्मान करते है।ं जन्मस्थली का विवाद कई सालों से चला आ रहा था, जिसका आज अंत हो गया है। यह फैसला ऐतिहासिक फैसला है जो सांप्रदायिक सौहार्द की एक नई मिसाल है।