उपभोक्ता बढ़े पर नहीं बढ़ी विद्युत केंद्र की क्षमता
गौरी पाठक बरगदवा सुमहाबरगदी व बनगवा आदि स्थानों पर कमोवेश खंभे व तार की दशा दयनीय है जिससे तार नीचे झूल रहे हैं। कई बार छोटी-छोटी दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं पर विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा। ग्रामीण तार ऊपर करने व पोल सीधा करने की मांग कर रहे हैं।
सिद्धार्थनगर : पथरा फीडर उपकेंद्र पर उपभोक्ताओं का भार भले बढ़ रहा पर विद्युत उप केंद्र की क्षमता में कोई बदलाव नहीं हो रहा। इससे जुडे़ आधे से अधिक गांव में अभी भी चार दशक पुराने जर्जर तार से विद्युत आपूर्ति की जाती है ।
गौरी पाठक, बरगदवा, सुमहा,बरगदी व बनगवा आदि स्थानों पर कमोवेश खंभे व तार की दशा दयनीय है, जिससे तार नीचे झूल रहे हैं। कई बार छोटी-छोटी दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं, पर विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा। ग्रामीण तार ऊपर करने व पोल सीधा करने की मांग कर रहे हैं। कई बार इनको बदलने की भी मांग उठी, पर विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है । उपकेंद्र पर ही कई पोल व तार जर्जर हैं पर विभाग आंख मूंदे बैठा है। पथरा विद्युत उपकेंद्र का निर्माण 70 के दशक में हुआ था, तब के पुराने पोल व तार हैं।
पथरा फीडर अवर अभियंता कृष्ण कुमार ने कहा कि कई स्थानों पर पुराने विद्युत तार व पोल बदले जा चुके है, कुछ गांवों में नए सिरे से विद्युतीकरण भी हुआ है। जो जर्जर विद्युत तार व पोल रह गए हैं, उसके लिए उच्च स्तर पर ही कार्यवाही संभव है।