सीएचसी से डाक्टर गायब ,मरीज हलकान
डाक्टरों के न रहने से मरीज परेशान हो रहे
सिद्धार्थनगर : क्षेत्र के अलावा नेपाल के लोगो को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले, इसके लिए सीएचसी को पूर्ण सुविधाओं के साथ-साथ छह डॉक्टरों की तैनाती की गई है। बावजूद बर्डपुर सीएचसी सिर्फ दो डॉक्टरों के सहारे है। हर दिन कोई न कोई कारण बताकर गायब रहते है।
शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों की भीड़ थी। क्षेत्र में वायरल फीवर का प्रकोप होने से मरीज बढ़ गए है। मौके पर सिर्फ दो डॉक्टर ही मरीजों के चिकित्सीय परीक्षण में लगे थे। प्रभारी सीएचसी डा. प्रशांत अस्थाना आयुष्मान भारत अभियान के नोडल अधिकारी नामित है। जिसके कारण अक्सर मुख्यालय पर रहते है। बाकी के डॉक्टर अवकाश पर चल रहे है। जिले में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम है। इसलिए प्रशासन कार्यक्रम को सफल बनाने में लगा हुआ है। वहीं मरीजों का हाल बेहाल है। 250 नए मरीज ओपीडी की पर्ची कटाकर इधर-उधर परेशान रहे। इसके अलावा लगभग सौ मरीज पुराने भी आये थे। विमला देवी, प्रभावती, हदीसुन्निशा, विजय शंकर, अनिरुद्ध सहित तमाम लोगो ने बताया कि हमारे बच्चे बुखार से पीड़ित है। यहां पर इतनी भीड़ है कि घंटो इंतजार करना पड़ रहा है। डाक्टर कम होने से परेशानी इन दिनों बढ़ गई है।
मैं जिले पर आयुष्मान भारत अभियान का कार्यक्रम देख रहा हूं। जब सीएचसी पर जाऊंगा तब देख कर बताऊंगा की कौन है कौन अवकाश पर है। इमरजेंसी में सभी की ड्यूटी लगाई गई है।
डा. प्रशांत अस्थाना, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, बर्डपुर
सीएचसी में चौबीस घंटे की इमरजेंसी सुविधा भी है। जिसके लिए डाक्टरों के पैनल में से कोई न कोई दोपहर दो बजे से लेकर दूसरे दिन सुबह आठ बजे तक मरीजो को देखेगा। आपातकाल में वही जिम्मेदार होगा। लेकिन यहा तो एक महीने के रोस्टर में एक डॉक्टर को दस दिन की जिम्मेदारी है तो बाकी चार डाक्टर बीस दिनों के जिम्मेदार होंगे।