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गन्ना तौल के साथ भुगतान की समस्या से सांसत में किसान

सिद्धार्थनगर : : क्षेत्र के गन्ना किसान परेशान हैं। उनकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है। तौल के साथ भुगतान ऐसी समस्या है, जिसने किसानों को सांसत में डाल दिया है। शासन-प्रशासन की उदासीनता के चलते बहुत सारे किसानों का गन्ने की खेती से मोह भी भंग होने लगा

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 11:02 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 11:02 PM (IST)
गन्ना तौल के साथ भुगतान की समस्या से सांसत में किसान
गन्ना तौल के साथ भुगतान की समस्या से सांसत में किसान

सिद्धार्थनगर : :

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क्षेत्र के गन्ना किसान परेशान हैं। उनकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है। तौल के साथ भुगतान ऐसी समस्या है, जिसने किसानों को सांसत में डाल दिया है। शासन-प्रशासन की उदासीनता के चलते बहुत सारे किसानों का गन्ने की खेती से मोह भी भंग होने लगा है।

गन्ने की फसल को नकदी फसल के रूप में जाना जाता है। परन्तु मिलों के मनमाने रवैये व सरकार की उदासीनता, गन्ना किसानों के लिए परेशानी का सबब बन रही है। एक वर्ष की मेहनत से तैयार फसल का मूल्य पाने के लिए किसानों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। तौल के लिए भी कई-कई दिन तक लाइन लगानी पड़ती है। किसानों को अभी तक 4 मार्च 2018 तक की बेची गई फसल का ही भुगतान मिल सका है। इसके बाद का भुगतान अभी तक अधर में लटका है। अब्दुल रऊफ 150 ¨क्वटल, पुजारी चौधरी 300 ¨क्वटल, अब्दुल हाजी 70 ¨क्वटल, बुद्धसागर 300, मुरली दास 150, मुस्तकीम 160, मक्का हसन 180, जगन्नाथ 120, पारस 100, राजेश 80 ¨क्वटल गन्ने की तौल करा चुके हैं। परंतु इन्हें अब तक भुगतान नहीं मिल सका है। गन्ना किसानों का कहना है, कि तौल के लिए पहले दिक्कत उठाई, अब भुगतान के लिए दौड़ना पड़ रहा है। कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। एसडीएम राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि समस्या संज्ञान में नहीं है, पता कराते हैं, फिर समाधान हेतु जो संभव कार्रवाई होगी, की जाएगी।


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