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बीएसएनएल की दगाबाजी, अब अफसरों पर भारी

भारतीय संचार निगम लिमिटेड की दगाबाजी उपभोक्ता ही नहीं अफसरों पर भी भारी पड़ रही है। बिजली की आंख मिचौली की तरह मोबाइल नेटवर्क का भी हाल है। शासन की अनदेखी से विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की भी बहार है। अधिकारी भी सप्ताह भर गायब रहते हैं

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Jun 2019 10:51 PM (IST)Updated: Thu, 06 Jun 2019 10:51 PM (IST)
बीएसएनएल की दगाबाजी, अब अफसरों पर भारी
बीएसएनएल की दगाबाजी, अब अफसरों पर भारी

सिद्धार्थनगर : भारतीय संचार निगम लिमिटेड की दगाबाजी उपभोक्ता ही नहीं अफसरों पर भी भारी पड़ रही है। बिजली की आंख मिचौली की तरह मोबाइल नेटवर्क का भी हाल है। शासन की अनदेखी से विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की भी बहार है। अधिकारी भी सप्ताह भर गायब रहते हैं। कोई पूछने वाला नहीं है। हालात तो इतने खराब हैं कि शासन से वीडियो कांफ्रेंसिग के लिए महीने में दो से तीन बार जिलाधिकारी कुणाल सिल्कू और एसपी डा. धर्मवीर सिंह को भी बस्ती जाना पड़ रहा है।

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गुरुवार को सुबह 11.05 बजे बीएसएनएल कार्यालय के मुख्य वितरण कक्ष में टेलीफोन मैकेनिक छेदीराम व संतराम मौजूद मिले। बाहर केबिल निकाल रहे थे। बताया कि टेलीफोन ठीक करने जा रहे हैं। मोबाइल बिल काउंटर खाली और दरवाजा खुला था। जहां एक उपभोक्ता बिल जमा करने के लिए आधे घंटे से इंतजार कर रहे थे। दूसरे कमरे में सन्नाटा पसरा था। टेबल पर विद्यालय का रजिस्टर दिखा। पन्ना पलटा तो वह विभागीय उपस्थिति रजिस्टर था। एसडीओ दुर्गेश सिंह को छोड़ हाजिरी रजिस्टर पर पांच लोग के नाम अंकित हैं। 27 मई से 31 तक और 1 से 6 जून तक जेई अभिषेक साहनी व ओएस हरिओम पांडेय की हाजिरी नहीं लगी थी। बताया गया कि यह लोग कभी कभार ही नजर आते हैं। एक साथ कई दिन की हाजिरी हो जाती है। एसडीओ भी नहीं मिले। अब इस बात से ही अंदाजा लगा लीजिए कि जब विभाग के अधिकारी और कर्मचारी गायब रहेंगे तो नेटवर्क का गायब रहना क्यों नहीं लाजमी है? पहली मंजिल पर 11:20 बजे स्वीच रूम में जेई विनोद सहानी काम करते मिले। बगल के आईओपी कक्ष में जेटीओ राजमणि गुप्ता मौजूद रहे। कुछ लोग समस्या लेकर आए थे, जिसके निस्तारण करने में जुटे थे। एसडीओ कक्ष में ताला लगा था। पूछने पर कर्मियों ने बताया कि साहब ईद की छुट्टी पर गए थे। अभी आते ही होंगे।

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शासन से विभाग को कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। मैं खुद भी व्यवस्था से तंग आ चुका हूं। इस समय बस्ती मुख्यालय में कुछ काम से आया हूं। सड़क निर्माण में केबिल कटने से यह नौबत आई है। अक्टूबर 2018 से एक लीटर भी डीजल नहीं मिला। टावरों की निगरानी में लगे 27 लोगों को मानदेय नहीं मिला। जेई और संबंधित बाबू नियमित रहते हैं, हो सकता है हाजिरी न बना सके हो।

दुर्गेश सिंह

एसडीओ, बीएसएनएल

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यह बिल्कुल सही है कि मुझे और कप्तान साहब को वीडियो कांफ्रेसिग के लिए बस्ती जाना पड़ा है। व्यवस्था ठीक करने के लिए विभाग के अधिकारियों से कहा गया है। कार्यालय से जिम्मेदार लोगों का गायब रहना गंभीर प्रकरण है। इसके लिए संबंधित एसडीओ से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।

कुणाल सिल्कू

जिलाधिकारी

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