शिवालयों में जलाभिषेक के साथ बोलबम की गूंज
सावन के दूसरे सोमवार को शिव मंदिरों पर आस्था का सैलाब उमड़ता दिखाई दिया। हर तरफ बोलबम की गूंज सुनाई देती रही। रात से ही श्रद्धालुओं का जत्था मंदिरों पर पहुंचने लगा। भोर में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का जो तांता लगा उसका क्रम देर तक चलता रहा।
सिद्धार्थनगर : सावन के दूसरे सोमवार को शिव मंदिरों पर आस्था का सैलाब उमड़ता दिखाई दिया। हर तरफ बोलबम की गूंज सुनाई देती रही। रात से ही श्रद्धालुओं का जत्था मंदिरों पर पहुंचने लगा। भोर में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का जो तांता लगा, उसका क्रम देर तक चलता रहा। श्रद्धालु मंदिर पर आते दर्शन, पूजन एवं जलाभिषेक करते रहे। हर ओर श्रद्धा की बयार बहती दिखाई दी। जलाभिषेक के ²ष्टिगत जगह-जगह पुलिस फोर्स मुस्तैद दिखाई दी।
प्रसिद्ध कटेश्वरनाथ मंदिर पर भोर से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया। सड़क पर छोटे-छोटे बच्चे कांवड़ लिए मंदिर की तरफ बढ़ रहे थे। बोलबम का जयघोष वातावरण में गुंजायमान होता रहा। मंदिर में हर ओर भक्तों की भीड़ दिखाई दी। महिलाएं हों या पुरुष अथवा बच्चे, कतार में आते और जलाभिषेक करते रहे। पूजा-अर्चना के बीच जयघोष की गूंज माहौल को भक्तिमय बनाती रही।
बिस्कोहर प्रतिनिध के मुताबिक अहिरौली पड़री स्थित पडेश्वरनाथ मंदिर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया। चारों ओर जय भोलेनाथ की गूंज सुनाई दी। यहां महिलाओं एवं पुरुषों की अलग-अलग कतार लगी नजर आई।
बढ़या प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के बउरहवा बाबा जबजौवा स्थित मंदिर पर श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना के साथ जलाभिषेक किया। यहां मंदिर सेवा समिति के सदस्य सोमनाथ प्रजापति, रंगीलाल सोनी, विनय त्रिपाठी, राम सूरत चौरसिया, राजेश गुप्ता, राकेश मौर्य, गुड्डू गुप्ता, राम उग्रह, विजय प्रजापति, विजय भारती आदि व्यवस्था में जुटे दिखाई दिए। मिश्रौलिया थानाध्यक्ष पंकज पाण्डेय मय फोर्स सक्रिय दिखाई दिए।
कहीं भारी न पड़ जाए यह लापरवाही
भारत ही नहीं पूरे विश्व में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। तीसरी लहर को लेकर हर कोई आशंकित है। शासन की ओर से त्योहार के लिए गाइडलाइन जारी की गई है, जिसमें भीड़ न लगाने के साथ मास्क और शारीरिक दूरी का पालन करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। लेकिन सावन के दूसरे सोमवार को कटेश्वरनाथ मंदिर परिसर में जो भीड़ उमड़ी और लोग एक-दूसरे से सटे जा रहे थे, उसको देख बस यही कहा जा सकता है कि कहीं ये लापरवाही भारी न पड़ जाए। न किसी ने मास्क लगा रखा था और न ही शारीरिक दूरी का पालन, आस्था का सवाल तो पुलिस भी मात्र मूक दर्शक ही बनी रही।