शिशु की सुरक्षा के लिए मां का दूध जरूरी
शुक्रवार को सीएचसी पर आशा कार्यकर्ताओं संगिनी व एएनएम के साथ बैठक कर बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार और स्तनपान कराने के बारे में जानकारी दी गई। सात अगस्त तक चलने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह में महिलाओं के बीच पहुंचकर स्तनपान के लिए जागरूक करने के लिए निर्देशित दिया गया।
सिद्धार्थनगर : शुक्रवार को सीएचसी पर आशा कार्यकर्ताओं, संगिनी व एएनएम के साथ बैठक कर बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार और स्तनपान कराने के बारे में जानकारी दी गई। सात अगस्त तक चलने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह में महिलाओं के बीच पहुंचकर स्तनपान के लिए जागरूक करने के लिए निर्देशित दिया गया। चिकित्सा अधीक्षक पंकज कुमार वर्मा ने कहा कि मां का दूध बच्चे के लिए अनमोल उपहार है। नवजात शिशु और बच्चे को सुरक्षा और स्नेह तथा पर्याप्त पोषण की आवश्यकता होती है। इन सभी आवश्यकताओं को स्तनपान को पूरा करता है। शरीर की बीमारी से लड़ने की ताकत को बढ़ाकर शिशु को कई तरह की बीमारियों से बचाता है। जन्म के बाद मां के शुरूआती दूध को कोलोस्ट्रम कहा जाता है। इस दूध में रोग-प्रतिकारक और पोषक तत्वों की भरमार होती है इसलिये इसे लिक्विड गोल्ड भी कहा जाता है। पाउडर दूध या गाय के दूध की तुलना में मां का दूध आसानी से पचता है। स्तनपान जन्म के तुरंत बाद, एक घंटे के भीतर ही शुरू किया जाना चाहिए। इस दौरान नर्स मेंटर पूजा, बीपीएम सतीश कुमार यूनिसेफ भुवनेश्वर शर्मा, बीसीपीएम सुरेन्द्र पाल, संगीनी रीता शर्मा, सुमनलता, आशा किरण, इंद्रावती, उषा, कांति, कुसुमलता, सुनीता, दुर्गावती, पुष्पलता, इंद्रावती सिंह, सुनैना मिश्रा आदि मौजूद रहे।
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