बदहाल गोशाला में सन्नाटा, सड़कों पर बेसहारा पशु
इटवा कस्बा में एक मात्र गोशाला की व्यवस्था है। थाने के पीछे जिला पंचायत की यह गोशाला पूरी तरह उपेक्षित मिली। हालांकि प्रशासन का दावा कि इधर बहुत सारे बेसहारा पशुओं को पकड़कर इसी में रखा गया है परंतु सोमवार को पड़ताल में सामने आया कि यहां एक भी पशु नहीं है। गोशाला पूरी तरह से बदहाल नजर आई।
सिद्धार्थनगर : इटवा कस्बा में एक मात्र गोशाला की व्यवस्था है। थाने के पीछे जिला पंचायत की यह गोशाला पूरी तरह उपेक्षित मिली। हालांकि प्रशासन का दावा, कि इधर बहुत सारे बेसहारा पशुओं को पकड़कर इसी में रखा गया है, परंतु सोमवार को पड़ताल में सामने आया, कि यहां एक भी पशु नहीं है। गोशाला पूरी तरह से बदहाल नजर आई। जगह-जगह जल-जमाव तो पानी पीने की हौज ऐसी जगह, जहां जानवरों का पहुंच पाना मुश्किल रहे। अंदर पशुओं के खाने व पीने का कोई भी इंतजाम नहीं मिला।
प्रदेश सरकार द्वारा जगह-जगह गोशाला निर्माण के लिए निर्देश जारी किया गया। जहां पर पशुओं के रहने, खाने-पीने की व्यवस्था भी बनाई गई। इटवा तहसील मुख्यालय पर निर्देश ठंडे बस्ते में है। जिधर देखो सैकड़ों की संख्या में पशु सड़क पर घूमते दिखाई दे रहे हैं। विगत दिनों खंड विकास अधिकारी द्वारा कहा गया, पशुओं को पकड़कर कस्बा स्थित जिला पंचायत की गोशाला में रखा जा रहा है। आज पड़ताल की गई, तो गोशाला में एक किनारे टीन शेड बना मिला, चारों से तार खींच कर बाउंड्री बनाई गई। गोशाला क्या, आसपास एक भी पशु नहीं नजर आए। अंदर गंदगी, कीचड़ से ऐसा, कि लगा भी नहीं, कि यहां पशु रहते हैं। कहना गलत न होगा, कि शासन के निर्देशों का जिम्मेदार ही पलीता लगा रहे हैं। बीडीओ से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो मोबाइल स्विच आफ मिला। एसडीएम त्रिभुवन ने कहा कि कुछ पशुओं को पहले वहां रखा गया था, पता कराते हैं कि वहां की स्थिति क्या है, पशु क्यों नहीं है। व्यवस्था को भी देखा जाएगा, फिर संबंधित जिम्मेदारों को निर्देशित किया जाएगा।