बेसहारा पशुओं को अभी नहीं मिला सहारा
किसानों की फसलों को बेसहारा पशुओं से बचाने के लिए मुख्यमंत्री के फरमान पर स्थानीय प्रशासन द्वारा जगह जगह अस्थायी गो सदनों का निर्माण और इन्हें रखने का काम भले किया जा रहा है, पर खुले आसमान के नीचे बिना चारे के रहना अमानवीय प्रतीत हो रहा है । तीन दिन पूर्व हुई वारिश के बाद बाड़ों में जलजमाव की स्थिति भी बन गई जो अब कीचड़ का रूप ले चुकी
सिद्धार्थनगर : किसानों की फसलों को बेसहारा पशुओं से बचाने के लिए मुख्यमंत्री के फरमान पर स्थानीय प्रशासन द्वारा जगह जगह अस्थायी गो सदनों का निर्माण और इन्हें रखने का काम भले किया जा रहा है, पर खुले आसमान के नीचे बिना चारे के रहना अमानवीय प्रतीत हो रहा है । तीन दिन पूर्व हुई वारिश के बाद बाड़ों में जलजमाव की स्थिति भी बन गई जो अब कीचड़ का रूप ले चुकी है ।
खेसरहा ब्लाक सीमा पर स्थित मिठवल ब्लाक के गांव सथवा में प्रशासन ने बल्लियों के सहारे बाड़े को घेर दिया गया है। जिसके अन्दर पानी के लिए तालाब खुदवा कर पशुओं को चारा खिलाने के लिए चरनी का भी इंतजाम किया गया । परन्तु किसी भी प्रकार के छाजन अथवा टीन सेट का इंतजाम नहीं किया गया। चार दिन पूर्व हुई बारिश से बाडे़ के अन्दर जगह जगह जल जमाव व कीचड़ हो गया । इससे पशुओं का चारा भी नष्ट हो गया। बैठने वाले स्थान पर कीचड़ होने से खडे़ -खडे़ इनका रात व दिन व्यतीत हो रहा हैं। लोगों का कहना है कि पुख्ता इंतजाम किये बगैर निरीह पशुओं को बाडे़ के अन्दर करवा देना जिम्मेदारों द्वारा की गयी बड़ी लापरवाही साबित हो रही है। तत्काल में पशुओं को कैद करने का यही एक मात्र विकल्प था। अब धीरे - धीरे स्थायी गो सदनों का निर्माण कराया जाएगा।
प्रबुद्ध ¨सह
एसडीएम