भूख-प्यास से तड़पकर 15 गोवंशियों की मौत
सदर तहसील के महरिया गो-सदन में भूख व प्यास से तड़प-तड़पकर 15 गाय की मौत हो गई है। शनिवार को गो-सदन में पहुंचे हियुवा कार्यकर्ताओं ने मृत गायों को देखने के बाद हंगामा खड़ा कर दिया। प्रशासन ने पहले मामले को दबाने का प्रयास किया। कार्यकर्ताओं से नायब तहसीलदार सदर से विवाद भी हुआ।
सिद्धार्थनगर : सदर तहसील के महरिया गो-सदन में भूख व प्यास से तड़प-तड़पकर 15 गाय की मौत हो गई है। शनिवार को गो-सदन में पहुंचे हियुवा कार्यकर्ताओं ने मृत गायों को देखने के बाद हंगामा खड़ा कर दिया। प्रशासन ने पहले मामले को दबाने का प्रयास किया। कार्यकर्ताओं से नायब तहसीलदार सदर से विवाद भी हुआ। जिलाधिकारी समेत संबंधित अधिकारियों ने गो-सदन का निरीक्षण किया। मामले को गर्म होता देख अधिकारियों ने मृत गायों को पोस्टमार्टम कराने का निर्णय किया। तीन डाक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया। मौत का कारण भूख व प्यास (रुमन इम्पिटी) से होना बताया गया है। गो-सदन में इस समय कुल 250 जीवित गाय मौजूद हैं।
कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि महरिया गो-सदन परिसर में कुल 15 गाय के शव मिले। इसमें 11 शव सड़ने की स्थिति में पहुंच गए थे। इन 11 शव में टैगिग नहीं मिला। टैगिग हुए चार की मौत 24 घंटे के भीतर होना बताया। स्थिति यह हो गई है कि परिसर में सड़ांध के कारण अंदर घुसना मुश्किल है। चारो ओर गंदगी का बोलबाला है। दाना व पानी की भी व्यवस्था नहीं के बराबर है। जब इन बिदुओं को लेकर नायब तहसीलदार से लालता प्रसाद से सवाल किए तो वह विवाद करने लगे।
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महरिया गोसदन का निरीक्षण किया गया। वहां 11 ऐसे शव मिले हैं, जो कुछ दिनों पूर्व के हैं। इन्हें गड्ढा खोद कर दफनाया जाना था, लेकिन ग्राम सचिव व ग्राम प्रधान की लापरवाही के कारण वह नाली के पास पड़ी हुई थी। चार की मौत एक दिन के भीतर हुई है। इनके मौत के कारण की जांच कराई जा रही है। गो-सदन में मौजूद गायों के हरा चारा की व्यवस्था के लिए धन आवंटित किया जा रहा है। हरा चारा खाने से गायों को पौष्टिक तत्व मिलते है, जिससे उनका स्वास्थ्य ठीक रहे।
दीपक मीणा
जिलाधिकारी
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एडीएम करेंगे मामले की जांच
सिद्धार्थनगर : महरिया गोसदन में 15 गाय का शव मिलने के बाद प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। संबंधित ग्राम सचिव के निलंबन की लिखापढ़ी होने लगी है। एडीएम सीताराम गुप्ता को मामले की जांच सौंपी गई है।
जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि एडीएम को प्रथम दृष्टया तीन बिदुओं पर जांच करने के लिए कहा गया है। धन निर्गत करने के बाद दाना-पानी की कमी कैसे हुई। इस बिदु पर ग्राम सचिव व प्रधान की भूमिका की जांच की जाएगी। लेखपाल के भी भूमिका की जांच होगी। पशु चिकित्सक व पशुपालन विभाग के संबंधित कर्मचारियों की ड्यूटी चेक की जाएगी। अगर स्वास्थ्य जांच में लापरवाही मिलती है तो विभाग के उच्चाधिकारियों को सूचित किया जाएगा।