पक्षियों के कलरव से रमणीक हुए ताल
सिद्धार्थनगर : सर्द ऋतु आने से क्षेत्र के भगनइया व मेचुका तालाब पर्यटन स्थल की भांति खिल उठे हैं।
सिद्धार्थनगर : सर्द ऋतु आने से क्षेत्र के भगनइया व मेचुका तालाब पर्यटन स्थल की भांति खिल उठे हैं। बांसी ब्लाक के इन दोनों गांवों के यह तालाब विदेशी मेहमानों का स्वागत अपने आंगन में ऐसा करते हैं कि खुशी से मगन पंछी अपने कलरव से लोगों का मनमोह लेते हैं। इस बार मेहमान के रूप में साइबेरियन पक्षियों का आगमन शुरु हो गया है। सुबह शाम रंग-बिरंगे पंछियों का झुंड जब कलरव करता है तो हर किसी का मन बरबस ही मोह उठता है। हजारों किलो मीटर दूर का सफर तय कर यहां पहुंचने वाले यह मेहमान मानों यहां की शांति व सछ्वाव के कायल हो चुके हैं।
क्षेत्र के बड़े तालाबों में भगनहिया व मेचुका ही ऐसा स्थान है, जहां ठंड के दिनों में उक्त विदेशी पक्षियों के लिए सुरक्षित ठिकाना होता है। नवंबर माह से ही इन तालाबों में पटेरा, लालसर, कैमा, स्पाटेड, मार्स, मऊरा,, रेडक्रेस्टेड, सुरखाब, ईगल, हैरियन सहित विभिन्न प्रजाति की रंग-बिरंगी पक्षियों का आगमन शुरु हो जाता है। जो फरवरी माह तक बदस्तूर बना रहता है। इसके बाद यह मेहमान अपने द्वीप को लौटने लगते हैं। करीब तीन माह तक रंग बिरंगे पंछियों से गुलजार रहने वाला तालाब किसी पर्यटन स्थल से कम नहीं रहता है। इनका कलरव व अटखेलियों को देखने सुबह सायं क्षेत्र के ग्रामीणों की भारी तादाद तालाब के इर्द गिर्द जमा रहती है। बच्चे इनको उड़ते देखने के लिए इन्हें उड़ाते हैं और उनका उड़ना देख सभी मगन हो जाते है। इनकी बढ़ी आमद से शिकारी भी अपनी सक्रियता बढ़ा दिए हैं। रात के अंधेरे में यह जाल लगा उनका शिकार तो करते ही हैं साथ ही कुछ शौकीन भी अपनी बंदूक से इन पर चोरी छिपे निशाना लगाने में बाज नहीं आते। वैसे इनकी आमद को देखते हुए वन विभाग की टीम इनके सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चौकस तो है पर इनकी आंखों से बच- बचा शिकारी अपने मुहिम में कामयाब भी हो जाते हैं।
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पक्षियों की सुरक्षा हेतु चौकसी बढ़ा दी गई। यदि कोई शिकार करते पकड़ा गया तो उस पर पशु क्रूरता अधिनियम के साथ अन्य धारा में भी कार्रवाई की जायेगी।
मनोज कुमार ¨सह
प्रभारी निरीक्षक, गोल्हौरा