यहां लकड़ी के पोल के सहारे बिजली आपूर्ति
सिद्धार्थनगर : लकड़ी के पोल के जरिये बिजली आपूर्ति से न केवल लोकल फाल्ट की समस्या में बढ़ोत्तरी होती
सिद्धार्थनगर : लकड़ी के पोल के जरिये बिजली आपूर्ति से न केवल लोकल फाल्ट की समस्या में बढ़ोत्तरी होती है, वरन दुर्घटना का भी खतरा बना रहता है। बावजूद विभागीय लोग लकड़ी के पोल को बदलने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। स्थिति ये है कि जो पोल दयनीय हो चुके हैं अथवा लटक गए हैं, उनको भी बदला नहीं जा रहा है। उदाहरण के तौर पर विकास खंड के ग्राम पिरैला सुल्तान में यह नजारा देखा जा सकता है। जहां दस बिजली के पोल लकड़ी के लगे हुए हैं। जिससे बिजली की आपूर्ति का संचालन होता है। कुछ पोल तो ऐसे हैं, कि लटके हुए हैं, तो कुछ जर्जर होकर गिर गए हैं। कुछ मकान के सहारे टिके हुए हैं। गांव में हादसे की शंका से ग्रामीण हमेशा सहमे रहते हैं।
एक हजार आबादी वाले पिरैला सुल्तान गांव में वर्ष 1965 में 20 लकड़ी के पोल के जरिए विद्युतीकरण हुआ था। पचास साल से अधिक समय बीत गया,लेकिन बिजली आज भी लकड़ी के पोल के सहारे सप्लाई हो रहीं हैं। हालांकि इधर कुछ महीना पहले दस लकड़ी के पोल को बदल दिया गया है। लेकिन 10 अभी भी बचे है। जिनकी स्थिति दयनीय है। पांच साल से गांव स्थित मस्जिद के पास लकड़ी का पोल टूटकर दूसरे के मकान के सहारे खड़ा है, जो कभी भी हादसे का कारण बन सकता है। आज तक पोल को ठीक नहीं कराया गया। जैसे-तैसे गांव में आपूर्ति चल रही है। पूरे गांव में ¨सगल फेस से बिजली की सप्लाई हो रही है, जिससे लो-वोल्टेज की दिक्कत भी बनी रहती है।
गांव निवासी सचिन श्रीवास्तव व राम अवतार ने कहा कि लकड़ी के पोल बदलने को लेकर जिम्मेदार गंभीर नहीं है। पोल जर्जर होने से हमेशा भय बना रहता है। सेतूराम व रामराज ने प्रशासन से जर्जर पोलों को बदलवाने की मांग की है। जगदंबा, धर्मेन्द्र, विवेक, अलगू, जूबेर, तुलसीराम गौतम, रामराज गौतम, परमात्मा ने कहा कि यदि ध्यान नहीं दिया गया तो जर्जर लकड़ी के पोल से कभी भी दुर्घटना हो सकती है। अजीत ¨सह, अवर अभियंता खानतारा सब स्टेशन ने कहा कि गांव में लकड़ी के पोल लगे है इसकी जानकारी है। कुछ लकड़ी के पोल अभी हाल ही में बदल दिये गये है। शेष पोल को भी जल्द बदलवा दिया जायेगा।