आधार के सुधार में भी मनमानी वसूली
आधार कार्ड बनवाने व सुधार के लिए ग्रामीण जनता दर-दर की ठोकर खा रही है लेकिन जिम्मेदार इस समस्या से अंजान बने बैठे हैं। जबसे स्कूलों में आधारकार्ड की अनिवार्यता हुई है अभिभावक बच्चों को लेकर ऊहापोह की स्थिति में हैं क्योंकि पूरे तहसील क्षेत्र में सिर्फ दो स्थानों पर ही नया आधार कार्ड बनता है और सुधार का कार्य होता है।
सिद्धार्थनगर : आधार कार्ड बनवाने व सुधार के लिए ग्रामीण जनता दर-दर की ठोकर खा रही है, लेकिन जिम्मेदार इस समस्या से अंजान बने बैठे हैं। जबसे स्कूलों में आधारकार्ड की अनिवार्यता हुई है, अभिभावक बच्चों को लेकर ऊहापोह की स्थिति में हैं, क्योंकि पूरे तहसील क्षेत्र में सिर्फ दो स्थानों पर ही नया आधार कार्ड बनता है और सुधार का कार्य होता है। यहां भी लोगों का काम कई दिन व बार-बार दौड़ने व तय शुल्क से अधिक रुपये देने पर ही होता है।
डुमरियागंज में हल्लौर पोस्ट आफिस, खरकट्टी, औराताल, मोतीगंज में आधार संबंधित कार्य होते थे जो पिछले छह माह से बंद है। मौजूदा समय में सिर्फ शाहपुर सिडीकेट व बेवां के कुछ सेंटरों पर ही आधार कार्ड बनाने व सुधार का कार्य होता है। यहां भी निर्माण कार्य प्राइवेट एजेंटों के हाथ में है जो मनमुताबिक शुल्क लेने के बाद ही बनाने अथवा सुधार का कार्य करते हैं। अधिकतर लोगों को आधार संबंधित समस्या के समाधान के लिए बस्ती, बांसी और बलरामपुर तक का चक्कर लगाना पड़ता है। एसडीएम त्रिभुवन ने कहा कि जो केंद्र संचालित हैं उनका निरीक्षण किया जाएगा। अगर लापरवाही मिली तो कार्रवाई होगी।
इनसेट-
बच्चों की परेशानी, उन्हीं की जुबानी-
- रोहन पुत्र सच्चिदानंद कक्षा 9 के छात्र हैं। नाम और जन्मतिथि गलत है बस्ती का चक्कर लगाने के बाद भी नहीं सही हुआ।
- वकार अहमद पुत्र निसार कक्षा 12 के छात्र हैं। नाम, पिता का नाम व जन्मतिथि सब गलत है। सुधार के लिए बलरामपुर व इटवा गए पर काम नहीं बना।
- साधना चौधरी पुत्री मदन 12 वीं की स्टूडेंट हैं। नाम और जन्मतिथि गलत है जिसे सही कराने हल्लौर तक दौड़ीं, लेकिन सुधार नहीं हुआ।
- सपना भारती पुत्री रणजीत सिंह निवासी चौरा बनगवा, कक्षा 10 की छात्रा हैं। आधार बनवाने के लिए डुमरियागंज कई बार गई लेकिन अभी तक आधार नहीं बन सका।