दुनियावालों मुझे बता दो बेटी क्या संतान नहीं..
मिशन शक्ति अभियान के तहत हुआ कार्यक्रम सुरक्षा सम्मान समानता व गोपनीयता का पढ़ाया गया पाठ
संसू, श्रावस्ती : मिशन शक्ति अभियान के तहत रविवार को भिनगा कोतवाली समेत जिले में कई स्थानों पर कार्यक्रम हुए। नोडल अधिकारी इंदूमती ने महिलाओं को स्वावलंबन व सशक्तीकरण का पाठ पढ़ाया। नारी सुरक्षा, सम्मान, समानता, गोपनीयता के बारे में जानकारी दी गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम में छात्रा मरहबा ने दुनिया वालों मुझे बता दो बेटी क्या संतान नहीं गीत प्रस्तुत कर बेटियों की उपेक्षा पर सवाल खड़े किए तो कार्यक्रम में मौजूद हर कोई स्तब्ध रह गया।
मिशन शक्ति कार्यक्रम की नोडल अधिकारी इंदूमती ने कहा कि चुप्पी तोड़ों और अन्याय के विरुद्ध आवाज बुलंद करो। शासन की मंशा से अवगत कराते हुए उन्होंने कहा कि नारी सशक्तीकरण के लिए तमाम प्रयास हो रहे हैं। आर्थिक उन्नति के लिए योजनाएं हैं। सामाजिक व कानूनी सहयोग के लिए हेल्पलाइन नंबर हैं। आयोजनों के माध्यम से हम यह जानकारी साझा कर सकते हैं, लेकिन इसका लाभ लेने के लिए अन्याय के विरुद्ध आवाज बुलंद करना होगा। नोडल अधिकारी ने कहा कि बेटियां अपने विवाह में दहेज के खिलाफ खड़ी हों। भ्रूण हत्या का मुखर होकर विरोध करें। सास-बहू के विवाद पर विराम लगे। महिलाएं खुद महिलाओं का हमदर्द बनकर मदद करें। तभी कुरीतियों को हम पीछे छोड़ पाएंगे। महिला आरक्षियों की मदद से उन्होंने हिसा की दशा में विरोध करने के गुर भी महिलाओं को सिखाए। इसकी हर किसी ने प्रशंसा की। डीएम टीके शिबु कहा कि कार्यक्रम में नारी सशक्तीकरण के लिए मिलने वाले संदेश को अपने तक ही सीमित न रखें। इसे गांव-गांव, घर-घर तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि महिलाएं व बेटियां अकेले नहीं हैं। एक आवाज पर पूरा शासकीय तंत्र उनके साथ खड़ा मिलेगा। पुलिस अधीक्षक अरविद कुमार मौर्य ने कहा कि थाने में महिला पुलिसकर्मी भी वही राइफल लेकर दबिश में जाती है, जिसे लेकर पुरुष पुलिसकर्मी चलते हैं। बेटा-बेटी में भेदभाव न करें। पुलिस मदद के लिए हर कदम पर साथ खड़ी मिलेगी। एएसपी बीसी दूबे, एसडीएम प्रवेंद्र कुमार, सीओ हौसला प्रसाद, दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी चमन सिंह, भिनगा कोतवाल देवेंद्र पांडेय, वरिष्ठ उपनिरीक्षक अरविद मिश्र ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इसी क्रम में गिलौला कस्बे में थानाध्यक्ष बृजेश द्विवेदी के नेतृत्व में जागरूकता रैली निकाली गई। महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया।