पूरे दिन निरस्त होते रहे नामांकन पत्र
वाजिब कारण के बिना नामांकन पत्र निरस्त होने से उम्मीदवारों व समर्थकों में रहा आक्रोश गहमागहमी माहौल के बीच जैसे-तैसे पूरी की गई प्रक्रिया
श्रावस्ती : त्रिस्तरीय पंचायत उप चुनाव को तेजी से संपन्न कराने के लिए नामांकन से लेकर मतदान तक के लिए सीमित समय का अंतराल रखा गया है। चुनाव का पहला चरण नामांकन ही विवादों के घेरे में आ गया है। सोमवार को ब्लॉक कार्यालयों पर पूरे दिन नामांकन पत्र निरस्त होते रहे। उम्मीदवारों व समर्थकों ने बिना वाजिब कारण के नामांकन पत्र निरस्त होने पर आपत्ति जताई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
गिलौला ब्लॉक के ग्राम पंचायत भिखारीपुर मसढ़ी के वार्ड नंबर 10 से शरीफ ने ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए नामांकन पत्र जमा किया था। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से तय गाइड लाइन में नामांकन के समय ग्राम पंचायत की नोड्यूज लगाने की अनिवार्यता है। शरीफ का नामांकन पत्र जिला पंचायत के नोड्यूज का अभाव बताकर खारिज कर दिया गया। इसी प्रकार गिलौला ब्लॉक के ग्राम पंचायत कटार में सदस्य के 12 पद रिक्त थे। सभी पदों पर एक से अधिक नामांकन जमा हुए। यहां नामांकन पत्रों को निरस्त करने में खेमेबाजी दिखी। सदस्य पद के लिए नामांकन जमा करने वाले रमई ने बताया कि गांव में पानी की टंकी नहीं है। ग्राम पंचायत सचिव ने सभी को अदेय जारी किया था। इस पर पर्चे की जांच कर रहे अधिकारियों ने अपने कलम से पानी का बिल बकाया दिखाकर पर्चा खारिज कर दिया। ग्राम प्रधान के समर्थकों के नामांकन पत्र में कमी थी। इसके बावजूद उनके सभी नामांकन स्वीकार कर लिए गए। 12 वार्डों में प्रधान के विरोध बताए जाने वाले लोगों का नामांकन निरस्त किया गया है। हरिहरपुररानी, जमुनहा, इकौना व सिरसिया ब्लॉक में भी मामूली कमी निकाल कर नामांकन पत्र निरस्त करने का खेल पूरे दिन चलता रहा। नहीं मिली ऐसी कोई शिकायत
अपर जिलाधिकारी योगानंद पांडेय ने बताया कि जबरन कमी निकाल कर नामांकन पत्र निरस्त करने जैसी कोई शिकायत नहीं मिली है। ब्लॉक कार्यालयों से अंतिम रिपोर्ट मिलने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।