पुलिस मौन, इंस्पेक्टर और दारोगा की गिरफ्तारी करे कौन
पहुंच हो तो हर जुर्म माफ सुलह-समझौता के प्रयास में जुटी हत्यारोपित पुलिस
जासं, श्रावस्ती : अगर कोई बंधक बनाकर किसी की हत्या कर दे तो क्या होगा। यह सबकुछ अगर आम आदमी करे तो पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तारी ही नहीं करेगी, बल्कि गैंगेस्टर व रासुका जैसी कार्रवाई तक कर देगी, लेकिन जब यह अपराध पुलिस इंस्पेक्टर व दारोगा करें तो कार्रवाई के मानक ही बदल जाते हैं। गिलौला थाने में पुलिस हिरासत में युवक की हुई मौत के मामले में पुलिस ने हत्या व भ्रष्टाचार अधिनियम का मुकदमा दर्ज कर खामोश है। इंस्पेक्टर व अन्य पुलिसजन अपने रसूख के बल पर पीड़ित पक्ष पर मुकदमे में सुलह कर लेने के लिए दबाव बना रहे हैं। पुलिस के आला अधिकारी भी चाहते हैं कि इस मामले में सुलह हो जाए तो ज्यादा बेहतर है, क्योंकि इंस्पेक्टर व दारोगा की गिरफ्तारी से पुलिस के दामन पर एक और दाग लग जाएगा। यह हाल तब है जब सीओ के पेशकार को गिरफ्तार कर लिया गया है। एक ही मामले में कार्रवाई के दो मानक लोगों के गले नहीं उतर रहा है।
हम बात करते हैं गिलौला थाने की। थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर दर्जीपुरवा गांव में अनुसूचित जाति की लड़की से छेड़खानी की गई। 29 अगस्त को इस मामले में तहरीर दी गई। पुलिस ने गांव के ही वाजिद अली उर्फ ननके के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच-पड़ताल शुरू की। घटना के बाद आरोपित घर से फरार हो गया था। आरोपित के पिता ने दी गई तहरीर में कहा है कि वाजिद के बदले उसके दूसरे लड़के सद्दाम को पुलिस पकड़ ले गई और कहा कि जब तक आरोपित नहीं आएगा तब तक उसे नहीं छोड़ा जाएगा। 30 अगस्त को आरोपित ने थाने पर समर्पण कर दिया। इस दौरान पुलिस ने उसे जीडी में आमद नहीं किया, बल्कि सौदेबाजी करने लगी। आरोपित के पिता का आरोप है कि सीओ के पेशकार जेपी सिंह 50 हजार के अलावा 10 हजार रुपये और की मांग की। जिसकी व्यवस्था में पुलिस इंतजार करने लगी। बेजा हिरासत में रखकर आरोपित का पुलिस मानसिक व आर्थिक उत्पीड़न करने लगी। पांच दिनों तक उसे बेजा हिरासत में रखे रही। तहरीर में कहा गया है कि चार सितंबर को जब आरोपित के पिता मुहम्मद उमर खाना लेकर गए तो पता चला कि उनके लड़के की मौत हो गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण तो हैंगिग आया है, लेकिन आरोपित ने फांसी कैसे लगाई आज भी रहस्य बना हुआ है। पुलिस ने आरोपित के पिता की तहरीर पर हत्या व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत इंस्पेक्टर विनोद कुमार सरोज, हल्का दारोगा विजय नाथ यादव व सीओ के पेशकार जेपी सिंह व अन्य सिपाहियों पर मुकदमा दर्ज किया। सीओ के पेशकार को तो गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन अन्य आरोपित अभी फरार हैं। एएसपी बीसी दूबे कहते हैं कि विवेचना चल रही है। आरोपित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विवेचक सीओ महेंद्र पाल शर्मा का कहना है कि वे जल्दी ही आए हैं। उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है।