कोहरे और पाले से बर्बाद हो रहीं फसलें
संसू, श्रावस्ती : बीते एक माह से लगातार पड़ रहे कोहरे व पाले से किसानों के माथे पर बल पड़न
संसू, श्रावस्ती : बीते एक माह से लगातार पड़ रहे कोहरे व पाले से किसानों के माथे पर बल पड़ने लगे हैं। सूर्यदेव के दर्शन न होने से फसलों पर विपरीत प्रभाव पड़ने लगा है। खास तौर से सब्जी उत्पादक किसान परेशान हैं। आलू में झुलसा रोग असर दिखाने लगा है। मौसम साफ नही हुआ तो किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगी।
नसों में जम जाती है बर्फ
औद्यानिक फसलों के विशेषज्ञ अनूप चतुर्वेदी ने बताया कि कोहरा काफी हद तक फसलों के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन इसके लिए धूप निकलना भी जरूरी है। उन्होंने बताया कि पाला फसलों के लिए सबसे नुकसानदेह है। उन्होंने बताया कि फसलों की नसों में विशेष प्रकार का तरल पदार्थ होता है। पाला पड़ने पर यह तरल पदार्थ जमकर बर्फ का आकार ले लेता है। बर्फ का आयतन अधिक होने से नसें फट जाती हैं। इसके परिणाम स्वरूप फसलें सूखना शुरू कर देता हैं।
-कैसे करें बचाव
औद्यानिक खेती के विशेषज्ञ चतुर्वेदी ने बताया कि तीन प्रकार से पाले से फसलों को बचाया जा सकता है। इसके लिए किसान भाइयों को अपने खेतों के पास धुंआ कर देना चाहिए। धुंआ होने से खेत के ऊपर एक परत बन जाती है। इससे पाला फसलों तक नही पहुंच पाता है। उन्होंने बताया कि छोटी फसलों को पॉलीथीन अथवा किसी अन्य हल्की वस्तु से ढककर भी पाले से बचाया जा सकता है। पाले का असर होने पर सिंचाई के माध्यम से भी फसलों को बचाया जा सकता है। पानी का तापमान अधिक होने से पाले के कारण जमी बर्फ पिघल जाती है और फसलें सुरक्षित बच जाती हैं।