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शिक्षक की नहीं हुई तैनाती, अनुचर ने संभाली शिक्षा की कमान

अरविद शुक्ला गिलौला (श्रावस्ती) प्राथमिक शिक्षा की मजबूत नींव खड़ी करने में संसाधनों की कमी

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 10:40 PM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 06:24 AM (IST)
शिक्षक की नहीं हुई तैनाती, अनुचर ने संभाली शिक्षा की कमान
शिक्षक की नहीं हुई तैनाती, अनुचर ने संभाली शिक्षा की कमान

अरविद शुक्ला, गिलौला (श्रावस्ती)

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प्राथमिक शिक्षा की मजबूत नींव खड़ी करने में संसाधनों की कमी का हवाला देने वाले लोग खूब मिलेंगे, लेकिन जिले में एक ऐसी पाठशाला भी है जो ऐसे लोगों के लिए नजीर बन रही है। यहां उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक की तैनाती नहीं हुई तो अनुचर ने ही पाठशाला शुरू कर दी।

गिलौला ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय रामपुर पैड़ा में अभी तक शिक्षक की तैनाती नहीं हो सकी है। ऐसे में यहां अनुचर के पद पर कार्यरत परास्नातक अभिनव शर्मा की जिम्मेदारी पर ही पठन-पाठन से लेकर विद्यालय की अन्य व्यवस्थाओं के प्रबंधन की भी जिम्मेदारी है। स्कूल में कुल 76 बच्चे पढ़ते हैं। सत्र शुरू होने के बाद अभिनव ने बच्चों का नामांकन किया। शुरुआती महीने में गुरुजी की उम्मीद में बच्चे रोज स्कूल आते और निराश होकर लौट जाते थे। नौनिहालों को लौटता देख अभिनव ने खुद पाठशाला लगाना शुरू कर दिया। कक्षाएं चलने लगीं तो नामांकन और उपस्थिति भी बढ़ने लगी।

चलती हैं तीनों कक्षाएं

उच्च प्राथमिक विद्यालय रामपुर पैड़ा में कक्षा छह मे 22, कक्षा सात में 31 तथा कक्षा आठ में 23 छात्र-छात्राओं का नामांकन है। यहां तीन कक्षाएं चलती हैं। समस्या होने पर एक ही कक्ष में तीनों दर्जा के बच्चों को बिठाकर पढ़ाया जाता है। गुरुजी की भूमिका में अनुचर के प्रयास की गांव के लोग भी सराहना करते हैं।

प्राथमिक स्कूल में हैं दो शिक्षक

रामपुर पैड़ा गांव में प्राथमिक विद्यालय भी संचालित हैं। यहां कुल 154 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। पठन-पाठन के लिए दो शिक्षक व दो शिक्षामित्रों की तैनाती है।

क्या हैं मानक

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत उच्च प्राथमिक विद्यालय में 35 छात्र संख्या पर एक शिक्षक होना चाहिए। इसी अनुपात में छात्र संख्या बढ़ने पर शिक्षकों की संख्या भी बढ़ानी होती है। प्राथमिक विद्यालय में 30 छात्रों पर एक शिक्षक तैनात करने का नियम है।

क्या कहते हैं बीएसए

बीएसए ओमकार राणा ने बताया शासन की ओर से परिषदीय स्कूलों का संविलियन किया गया है। इस प्रकार यदि कहीं उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक नहीं हैं तो वहां के प्राथमिक स्कूल के शिक्षक को विद्यालय संचालन की जिम्मेदारी दी गई है। रामपुर पैड़ा का संचालन भी इसी व्यवस्था से हो रहा है।


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