हड़ताल पर रहे बैंककर्मी, नकदी को भटके लोग
श्रावस्ती: विजया बैंक व देना बैंक को बैंक ऑफ बड़ौदा में समाहित करने की सरकारी कोशिश के विरुद्ध में गु
श्रावस्ती: विजया बैंक व देना बैंक को बैंक ऑफ बड़ौदा में समाहित करने की सरकारी कोशिश के विरुद्ध में गुरुवार को बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इससे जिले की 70 बैंक शाखाओं का लगभग 10 करोड़ का व्यापार प्रभावित हुआ। बैंक बंद होने के साथ एटीएम में भी नोट की किल्लत बनी रही। नकदी के लिए उपभोक्ता दिनभर भटकते देखे गए।
मंगलवार को क्रिसमस की छुट्टी के बाद बुधवार को हड़ताल के चलते बैंकों में ताले लटकता देख उपभोक्ता परेशान हो गए। अवकाश के दिन एटीएम में सिर्फ धन की निकासी हुई। इससे हड़ताल के दिन एटीएम भी कैश से खाली रहे। जरूरी घरेलू सामान खरीदने से लेकर दवाओं तक के लिए पैसे की कमी लोगों को अखरती रही। उपभोक्ता पैसा निकलने की आस में एक एटीएम से दूसरे एटीएम का चक्कर लगाते रहे। अग्रणी बैंक प्रबंधक अनंत खरे ने बताया कि जिले में विभिन्न बैंकों की कुल 70 शाखाएं हैं। ग्रामीण बैंक की कुछ शाखाओं को छोड़ कर सभी बैंक हड़ताल में शामिल हुए। उन्होंने बताया कि औसतन प्रति बैंक एक दिन में डेढ़ सौ लेनदेन करते हैं। इसमें प्रति व्यक्ति औसतन 10 हजार रुपये की जमा निकासी होती है। इस प्रकार लगभग नौ करोड़ रुपये का व्यापार प्रभावित हुआ है। चेक क्लीय¨रग से सभी बैंकों का लगभग एक करोड़ का नुकसान हुआ है। एक दिन की हड़ताल से कुल लगभग 10 करोड़ का व्यापार प्रभावित हुआ है।
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हड़ताल के कारण अटके काम
भिनगा नगर के व्यापारी राजेश रस्तोगी ने बताया कि सामान का ऑडर देना था। इसके लिए पैसे लगाने थे। बैंक हड़ताल से यह काम नहीं हो पाया। बृजेंद्र मिश्र ने बताया कि बैंक के हड़ताल के चलते दो दिन की बिक्री का पैसा दुकान में रखना पड़ा। इससे असुरक्षा बनी रहती है। भंगहा निवासी किसान सद्दाम हुसैन ने बताया कि गेहूं की फसल में खाद व दवा डालना है। न बैंक से पैसे मिले और न एटीएम ने ही साथ दिया। निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है। किसान विश्राम ने बताया कि कुछ जरूरी दवाइयां लेना था। एटीएम के सहारे घर से निकलने थे। पैसा न निकलने पर उधार लेकर जाना पड़ा।