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कलेक्ट्रेट में हड़ताल पर रहे अफसर-कर्मचारी

जागरण संवाददाता श्रावस्ती चकबंदी विभाग का राजस्व विभाग का विलय न किए जाने पदोन्नति किए जाने

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 10:27 PM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 06:11 AM (IST)
कलेक्ट्रेट में हड़ताल पर रहे अफसर-कर्मचारी
कलेक्ट्रेट में हड़ताल पर रहे अफसर-कर्मचारी

जागरण संवाददाता, श्रावस्ती: चकबंदी विभाग का राजस्व विभाग का विलय न किए जाने, पदोन्नति किए जाने, वेतन विसंगति दूर करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर गुरुवार को राजस्व महासंघ के प्रदेश व्यापी एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन का असर जिले में देखने को मिला। अधिकारियों व कर्मचारियों की हड़ताल के चलते कलेक्ट्रेट व तहसील परिसरों में पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा। कमरों में ताला बंदी देख कार्य के सिलसिले में आने वाले लोग मायूस होकर वापस लौट गए। वहीं राजस्व न्यायालयों में वादकारियों को सामान्य तिथि देकर वापस लौटा दिया गया। इस हड़ताल में राजस्व प्रशासनिक अधिकारी संघ, उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ समेत सात कर्मचारी संगठनों के कर्मचारी शामिल रहे।

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उत्तर प्रदेश राजस्व महासंघ के आह्वान पर वेतन विसंगति दूर किए जाने, पदोन्नति समेत कई अन्य मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में कर्मचारियों ने एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया। जिला मुख्यालय भिनगा के कलेक्ट्रेट परिसर में कर्मचारियों का धरना सुबह ही शुरू हो गया। कर्मचारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद की। जिलाध्यक्ष राजकुमार पांडेय ने कहा कि कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को तुरंत दूर किए जाने के साथ ही हमारी अन्य मांगे भी शीघ्र ही पूरी की जाएं। धरने पर बैठे राजस्व प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी भी की। भिनगा तहसील में कर्मचारियों की हड़ताल के चलते दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। धरने के बाद कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रशासन को सौंपा। धरने में प्रदीप श्रीवास्तव, सुरेंद्र कुमार, कौशल कुमार, केके वैश्य, विक्रम सिंह यादव, आशुतोष पांडेय आदि शामिल रहे।

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मायूस लौटे लोग

कलेक्ट्रेट परिसर में भी हड़ताल का व्यापक असर दिखाई पड़ा। यहां भी काम के सिलसिले में आने वाले लोगों को मायूसी हाथ लगी। सिरसिया से आए सुखराम मायूस होकर वापस लौट गए। लक्ष्मनपुर बाजार निवासी विजय शंकर का मुकदमा एसडीएम न्यायालय में लगा था, लेकिन वे भी बाहर चस्पा किए गए सामान्य तिथि को देखकर वापस लौट गए। इसी प्रकार पिपरहवा जोगा गांव के कलीमुद्दीन खतौनी निकलवाने आए थे, लेकिन हड़ताल के चलते उनको भी मायूस होकर वापस लौटना पड़ा।


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