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पूरी नहीं हो पाई कृषि विज्ञान केंद्र की आस

भूपेंद्र पांडेय श्रावस्ती तराई में कृषि विज्ञान केंद्र का निर्माण स्वीकृत होने के बाद किसान

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 10:12 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 10:12 PM (IST)
पूरी नहीं हो पाई कृषि विज्ञान केंद्र की आस
पूरी नहीं हो पाई कृषि विज्ञान केंद्र की आस

भूपेंद्र पांडेय, श्रावस्ती : तराई में कृषि विज्ञान केंद्र का निर्माण स्वीकृत होने के बाद किसानों को उन्नतिशील खेती की उम्मीद बंधी थी। सिरसिया के गब्बापुर में इसके लिए 52 एकड़ भूमि का अधिग्रहण हुआ। निर्माण के लिए प्रस्ताव पर मुहर भी लग गई, लेकिन चिह्नित भूमि पर निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया गया है। कृषि विज्ञान केंद्र का निर्माण न होने से किसानों की आस पूरी नहीं हो पाई। माननीयों ने भी इस विषय पर चुप्पी साधे रखी। किसानों में इसकी टीस महसूस की जा सकती है। नेपाल सीमा पर स्थित श्रावस्ती जिले का कुल क्षेत्रफल 1633.78 वर्ग किलोमीटर है। इस पर लगभग 14 लाख की आबादी निवास करती है। परंपरागत जीवनशैली की आदी श्रावस्ती की बड़ी आबादी जीविकोपार्जन के लिए खेती-किसानी पर निर्भर है। यहां एक लाख 35 हजार हेक्टेअर क्षेत्रफल कृषि योग्य भूमि है। इसमें से लगभग 82 हजार हेक्टेअर सिचित भूमि है। छोटे जोत के किसानों की यहां अधिकता है। खेती-किसानी में धान, गेहूं व गन्ने का उत्पादन प्राथमिकता से होता है। तकनीकी खेती न हो पाने से यहां के किसानों की माली हालत दुरुस्त नहीं है। रोजगार की तलाश में जिले की बड़ी आबादी परदेस की ओर पलायन करती है। नीति आयोग की ओर से चयनित आकांक्षी जिलों में शामिल श्रावस्ती के लोगों की आर्थिक उन्नति के लिए यहां खेती को फायदे का सौदा बनाना जरूरी है। कृषि विभाग के पास किसानों के लिए योजनाएं तो हैं, लेकिन रिस्क लेने के लिए किसानों को प्रेरित करने वाले कृषि वैज्ञानिकों का अभाव बना हुआ था। वर्ष 2008 में जिले में कृषि विज्ञान केंद्र खोलने की बात चली। इसके लिए सिरसिया ब्लाक क्षेत्र के गब्बापुर गांव में 52 एकड़ भूमि चिह्नित कर प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया। केंद्रीय टीम ने जांच में इस भूमि को अनुपयोगी करार देते हुए कृषि विज्ञान केंद्र का निर्माण यहां कराने पर सहमति नहीं दी। इसके बाद निर्माण का प्रस्ताव लटक गया। 12 वर्षों तक लगातार हुए प्रयास के बाद आखिरकार वर्ष 2020 में भारत सरकार ने इसी भूमि पर कृषि विज्ञान केंद्र का निर्माण कराने की सहमति दे दी। कृषि वैज्ञानिकों की तैनाती भी की गई, लेकिन भवन का निर्माण न होने से उम्मीदें अधूरी पड़ी है। वर्जन अधिग्रहीत भूमि कृषि विज्ञान केंद्र को सौंप दी गई है। बजट के अभाव में निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। फिलहाल जिले में तैनात कृषि वैज्ञानिकों के बैठने के लिए कृषि भवन में कमरा दिया गया है। -कमल कटियार, उप कृषि निदेशक, श्रावस्ती। वर्जन गब्बापुर में कृषि विज्ञान केंद्र निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये से अधिक का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। अगस्त माह में चहारदीवारी के लिए 25 लाख रुपये मिले थे। इसके टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जल्द ही निर्माण शुरू हो जाएगा। मार्च के बाद और बजट मिलने की उम्मीद है। -डा. रघुवंशी, वरिष्ठ वैज्ञानिक, श्रावस्ती।

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