जेठ में सावनी फुहार से मौसम खुशगवार
मेंथा की पेराई ठप तापमान में आई गिरावट खेती-किसानी के लिए मुफीद है बारिश
श्रावस्ती : गुरुवार रात से तराई बादलों के आगोश में घिर गई। जेठ में पड़ रही सावनी फुहार से मौसम खुशगवार हो गया है। सुबह से ही फुहारें लोगों को भिगोती रहीं। आसमान पर काली काली घटाएं छाई रहीं। रिमझिम फुहारों के बीच किसान धान की नर्सरी के लिए तैयारी में जुट गया है। तेज हवाओं के साथ बारिश की फुहारों से ठंड का एहसास होता रहा।
तराई में मौसम का मिजाज बदल गया है। आसमान पर घने बादल छाए रहे। बूंदाबांदी के साथ तेज बारिश हुई। इससे लोगों को गर्मी से राहत मिली। मानसून के पहले ही जेठ में सावन जैसी पड़ी फुहारों ने मौसम को सुहावना बना दिया है। रिमझिम फुहारों से तापमान में भी गिरावट आई है। अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस रहा। भिनगा, इकौना, जमुनहा, सिरसिया, गिलौला आदि क्षेत्रों में बारिश हुई। किसानों का कहना है कि बारिश से गन्ने की फसल हो फायदा पहुंचा है। धान की नर्सरी लगाने में भी बारिश मुफीद साबित हुई है। किसान अभिलाख वर्मा, सालिकराम यादव का कहना है कि बारिश किसानों के लिए वरदान है। जायद की फसल लेने वाले किसानों को इस बारिश से थोड़ी परेशानी हो सकती है। बारिश के चलते मेंथा की पेराई में ठप हो गई है। मेंथा पेराई में सूखे ईंधन की जरूरत होती है। बारिश के चलते ईंधन गीला हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार बादलों की आवाजाही के साथ बारिश की संभावना बनी हुई है। जिला कृषि अधिकारी आरपी राना ने बताया कि खेती-किसानी के लिए बारिश फायदेमंद है।