खतरे के निशान से 60 सेमी ऊपर बह रही नदी
नदी के उग्र तेवर देख सहमे हैं तटवर्ती गांवों के लोग रास्तों पर आवागमन ठप जमुनहा व भिनगा तहसील क्षेत्र के खेतों में बाढ़ का पानी भरने से नष्ट हो रही फसल
श्रावस्ती : तराई में हो रही बारिश के साथ पहाड़ों पर झमाझम बरसात का पानी आने से राप्ती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। खतरे के निशान को पार करते हुए 60 सेमी ऊपर पहुंचकर राप्ती नदी 128.30 सेमी पर बह रही है। तटवर्ती करीब 20 गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। जमुनहा क्षेत्र से आगे बढ़कर बाढ़ का पानी भिनगा, तहसील क्षेत्र के खेतों में तबाही मचाते हुए फसलों को बर्बाद कर रहा है।
मंगलवार की रात नदी का जलस्तर घटने लगा तो लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन सुबह से ही नदी एक बार फिर बढ़ने लगी। पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश का पानी राप्ती में आने से जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। जमुनहा क्षेत्र के सर्रा, भौसावा, मिसिरपुरवा, नरायणपुरवा, पिपरहवा समेत कई गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं। राप्ती बैराज पर खतरे का निशान 127.70 सेमी निर्धारित है। यहा जलस्तर 128.30 सेमी पहुंच गया है। इस प्रकार नदी खतरे के निशान से 60 सेमी ऊपर है। नदी से निकला बाढ़ का पानी जमुनहा व भिनगा तहसील क्षेत्र में तबाही मचा रहा है। खेतों में पकी खड़ी व कटी पड़ी धान की फसल बाढ़ के पानी में डूब गई है। इससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। लगातार बाढ़ की स्थिति बनी रहने से खड़ी फसल के नष्ट होने की आशंका है। रास्तों पर बाढ़ का तेज पानी चलने से आवागमन ठप है। लोग नाव के सहारे गंतव्य तक पहुंच रहे हैं।
मुआवजे के लिए तत्काल शुरू हो सर्वे
श्रावस्ती : जोखवा बाजार क्षेत्र के समाजसेवी विजय शुक्ला ने अधिवक्ताओं के साथ एसडीएम भिनगा को ज्ञापन सौंपकर बारिश व तेज हवा से हुए नुकसान का मुआवजा दिलाने की मांग की है। इसके लिए तीन से चार दिन में सर्वे शुरू करने की अपेक्षा की गई है। ऐसा न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है।