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लाल निशान छूने को बेताब राप्ती, दहशत में ग्रामीण

रुक-रुक कर हो रही बारिश से पहाड़ी नालों में बाढ़ आ गई है। जिले के 30 से अधिक गांव पानी से घिर गए हैं। राप्ती नदी भी चेतावनी बिदु 103.620 से

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 10:04 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 10:04 PM (IST)
लाल निशान छूने को बेताब राप्ती, दहशत में ग्रामीण
लाल निशान छूने को बेताब राप्ती, दहशत में ग्रामीण

बलरामपुर :

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रुक-रुक कर हो रही बारिश से पहाड़ी नालों में बाढ़ आ गई है। जिले के 30 से अधिक गांव पानी से घिर गए हैं। राप्ती नदी भी चेतावनी बिदु 103.620 से 88 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। जो कि खतरे के निशान 104.620 महज 12 सेंटीमीटर कम है। पहाड़ी नाला जमधरा, हेंगहा, कचनी, धोबीनिया, गौरिया व बूढ़ी राप्ती में उफान से तराई क्षेत्र के लखनीपुर, भुसैलिया, भौरही, भवानियापुर, बनघुसरी, ठड़क्की, बजरडीह, झरिहडीह, परसहवा, चनियाकोट, पिट्ठा, नरायनपुर, बुड़ंतपुर, मकुनहवा, इटहिया, मदारगढ़, किला, भुसैलिया समेत करीब 30 गांव पानी से घिर गए हैं। बाढ़ के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग तुलसीपुर-बलरामपुर व तुलसीपुर-गौरा समेत कई प्रमुख मार्गें पर आवागमन प्रभावित है। एसडीएम सदर नागेंद्र नाथ यादव ने बताया कि लालपुर फगुइया गांव के पास नदी की कटान तेज होने से प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। जान जोखिम में डाल कर रहे आवागमन :

-तुलसीपुर-गौरा मार्ग स्थित दतरंगवा डिप पर करीब तीन फीट पानी बहने से निजी नाव लगाकर ग्रामीणों के आवागमन की व्यवस्था की गई है। ग्रामीण 20 से 40 रुपये शुल्क देकर नाव के सहारे बाढ़ के पानी को पार करते हैं। ललिया से बनघुसरी जाने वाले मार्ग पर बाढ़ के कारण सड़क कट गई है। जिससे लोगों को आवागन में दिक्कतें उठानी पड़ रहीं हैं। ललिया-हरिहरगंज मार्ग स्थित जहदी डिप पर तीन फीट पानी के बीच लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं। बलदेवनगर बाजार मुख्य मार्ग पर करीब तीन फीट पानी बहने से आवागमन प्रभावित है। सिटकिहवा मोड़ से प्रानपुर जाने वाले मार्ग पर पुल के दोनों तरफ सड़क कटने से आवागमन बंद है। पुल का डायवर्जन क्षतिग्रस्त :

-राष्ट्रीय राजमार्ग बलरामपुर-तुलसीपुर स्थित लौकहवा गांव के पास बन रहे पुल का डायवर्जन शुक्रवार को क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण आवागमन ठप हो गया। वाहनों लंबी कतार लग जाने से प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में डायवर्जन पर पाइप डालने का कार्य शुरू किया गया। करीब चार घंटे तक लोग बसों व अन्य वाहनों में फंसे रहे।


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