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मांगी नाव न केवट आना..

श्रावस्ती: जिला मुख्यालय से लेकर सुदूर ग्रामीण अंचलों तक में जगह-जगह श्रीरामलीला का मंचन हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 11:17 PM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 11:17 PM (IST)
मांगी नाव न केवट आना..
मांगी नाव न केवट आना..

श्रावस्ती: जिला मुख्यालय से लेकर सुदूर ग्रामीण अंचलों तक में जगह-जगह श्रीरामलीला का मंचन हो रहा है। बुधवार को भिनगा, पोखरा धाम एवं अन्य स्थलों पर आयोजित श्रीरामलीला में लंका दहन का मंचन किया गया। इस दौरान हनुमान और रावण के संवाद के मध्य दर्शकों ने खूब तालियां बजाई।

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जिला मुख्यालय पर रामलीला मैदान पर श्रीरामलीला महोत्सव में मंगलवार रात राम-केवट संवाद का मंचन किया गया। वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि के मध्य लाउडस्पीकर पर जैसे ही मांगी नाव न केवट आना.. की धुन गूंजी। वहां मौजूद सभी दर्शक राम के जयकारों से समूचे वातावरण को गुंजायमान कर दिया। भगवान श्रीराम की तमाम अनुनय-विनय के बाद आखिरकार केवट पहले लकड़ी के पात्र में भगवान श्रीराम के श्री चरण धोए और उसके बाद उन्हें नदी के पार उतारा। नदी के पार उतरते ही भगवान श्रीराम ने जब केवट को उतराई देनी चाही तो केवट के वचन सुन कर हर कोई भाव-विभोर हो गया। इसके अलावा इकौना, उदईपुर, पटना गांव स्थित पोखरा धाम समेत कई स्थानों पर श्रीरामलीला का मंचन किया जा रहा है।


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