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ट्रेन में अब आपका कंबल खुद ही 'बोलेगा'...मैं हो गया गंदा, जान‍िए कैसे lucknow news

नई व्यवस्था 15 सितंबर से लखनऊ की सभी ट्रेनों के कंबल की होगी इलेक्ट्रानिक टैगिंग। दो माह की जगह हर 15 दिन में होगी सफाई।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 16 Aug 2019 07:28 PM (IST)Updated: Fri, 16 Aug 2019 07:28 PM (IST)
ट्रेन में अब आपका कंबल खुद ही 'बोलेगा'...मैं हो गया गंदा, जान‍िए कैसे lucknow news
ट्रेन में अब आपका कंबल खुद ही 'बोलेगा'...मैं हो गया गंदा, जान‍िए कैसे lucknow news

लखनऊ, (निशांत यादव)। एसी क्लास में मिलने वाले गंदे बेडरोल की शिकायत भले ही रेलवे अनसुना करता हो लेकिन, अब गंदा होने पर कंबल खुद बोलेगा...मैं हो गया गंदा। 15 दिन के भीतर धुलाई न होने पर रेलवे को अलर्ट भेज देगा। यह मुमकिन होगा कंबल की इलेक्ट्रानिक टैगिंग से। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल अपने यहां की सभी ट्रेनों के करीब 10 हजार कंबलों को लेकर 15 सितंबर से नई व्यवस्था शुरू कर देगा। 

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यात्रियों को रेलवे जो बेडरोल मुहैया कराता है, उसमें तकिया कवर, चादर और तौलिया को एक बार इस्तेमाल के बाद धोने का नियम है। जबकि कंबल की धुलाई 15 दिन में कराने की व्यवस्था है। हालांकि, हकीकत में उन्हें दो से ढाई महीने बाद धोया जाता है। यही वजह है, बेडरोल में बदबूदार कंबल की शिकायत सबसे अधिक मिलती है। इसी को देखते हुए रेलवे ने कंबल की ऑनलाइन मॉनीटङ्क्षरग का फैसला किया। 

ऐसे होगी मॉनीटर‍िंग 

बड़े शॉपिंग मॉल की तरह हरेक कंबल की टैगिंग की जाएगी। इसमें एक बार कोड होगा, जिसे हर बार धुलाई के समय स्कैनर से स्कैन कर उसका डाटा कंप्यूटर में फीड किया जाएगा। हर एक कंबल का एक आइडी नंबर बनाया जाएगा, जो कंबल की टैगिंग पर दर्ज होगा। एक बार धुलाई के बाद कंबल को दोबारा 15 दिन पूरा होने पर लांड्री में लाना होगा। ऐसा न करने पर 16वें दिन कंप्यूटर पर एक अलार्म बजेगा। जिसमें आइडी नंबर से यह पता चलेगा कि कौन सा कंबल है, जिसकी धुलाई का समय पूरा हो गया है। मंडल प्रशासन आइडी नंबर से उस ट्रेन को ढूंढ़ निकालेगा, जिसमें वह कंबल होगा। 

निर्धारित दिन से पहले अटेंडेंट की जिम्मेदारी 

यदि कंबल 15 दिन से पहले गंदा होगा तो कोच अटेंडेंट उसे निकालकर लांड्री को वापस सौंपेगा। वहां उसकी धुलाई की ऑनलाइन फीडिंग फिर से होगी। रेलवे निजी एजेंसी की मदद से ऑनलाइन मॉनीटर‍िंग का सॉफ्टवेयर और प्रोग्राम बनवाएगा। इसे कैरिज व वैगन अनुभाग के कर्मचारी नियंत्रित करेंगे। वहींं डीआरएम (लखनऊ मंडल) संजय त्रिपाठी ने बताया कि ऑनलाइन मॉनीटर‍िंग से कंबल की धुलाई सुनिश्चित हो सकेगी। वहीं, इसके चोरी होने और गंदगी को लेकर यात्रियों की शिकायतें कम होंगी। 


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