इमोशनल पुलिसिग से जनता और पुलिस के बीच मिट रहीं दूरियां
इमोशनल पुलिसिग से जनता और पुलिस के बीच मिट रहीं दूरियां
श्रावस्ती : लॉकडाउन के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ ही जरूरतमंदों की मदद में पुलिस जुटी है। पुलिस का मानवीय रूप देख कर सराहना करते लोग थक नहीं रहे हैं। दवा से लेकर खाना तक लोगों को मुहैया करा रही है। परदेश से आने वाले लोगों की जांच कराती है साथ ही उन्हें मंजिल तक पहुंचाकर अपना फर्ज भी निभा रही है। इमोशनल पुलिसिग से लॉकडाउन के दौरान आम जनता और पुलिस के बीच की दूरियां कम होती दिख रही हैं।
कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए घोषित लॉकडाउन के बीच ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जब पुलिस ने बीमारों, बुजुर्गों व आíथक रूप से कमजोर लोगों की मदद कर उन्हें भोजन मुहैया करवा रही है। इतना ही नहीं कई लोगों को घरों तक पहुंचाना भी उसका सगल बन गया है। सीओ भिनगा हौसला प्रसाद व प्रभारी निरीक्षक सिरसिया विनोद कुमार क्षेत्र भ्रमण पर निकले तो मोतीपुर कला गांव में राशन न होने की जानकारी उन्हें मिली। दुकान खोलवाकर उन्हें राशन उपलब्ध कराया। भिनगा कोतवाल दद्दन सिंह ने भयापुरवा, पटना खरगौरा व हरिहरपुर गांव में भूख से बिलबिला रहे मजदूर परिवारों व बच्चों को भोजन उपलब्ध कराया। बदला पुलिस चौकी प्रभारी किसलय मिश्रा व गिरंट पुलिस चौकी इंचार्ज राजीव मिश्रा ने काम बंद होने से आíथक तंगी से गुजर रहे परिवारों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई। नासिरगंज पुलिस चौकी के उपनिरीक्षक शंभूनाथ उपाध्याय ने क्षेत्र के गरीब मजदूरों व बच्चों को लंच पैकेट वितरित किया। जमुनहा पुलिस चौकी प्रभारी अखिलेश यादव ने मजदूर परिवारों के घर जाकर भोजन की व्यवस्था करवाई। श्रावस्ती पुलिस चौकी इंचार्ज अनिल कुमार दीक्षित को सूचना मिली कि कटरा बाजार में एक परिवार के पास कोई खाद्यान्न समाग्री नहीं है। छोटे-छोटे बच्चें भूखे हैं। चौकी इंचार्ज ने गेहूं, चावल, सब्जी व दैनिक उपयोग की वस्तुओं को भूखे परिवार के घर पहुंचाकर मानवता की मिसाल कायम की। एएसपी बीसी दूबे कहते हैं कि कोरोना के विरुद्ध लड़ी जा रही लड़ाई में पुलिसकर्मी ड्यूटी के साथ जरूरतमंदों को दवा से लेकर राशन तक पहुंचा रहे हैं। कर्म के साथ जरूरतमंदों की सेवा करना पुलिस का काम है।