Move to Jagran APP

बच्चों की शिक्षा को लेकर फिक्रमंद हैं अभिभावक

नौ माह से बंद है स्कूलों की कक्षाएं नेटवर्क की बदहाली के चलते प्रभावी नहीं हो पा रही ई-पाठशाला

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 10:52 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 10:52 PM (IST)
बच्चों की शिक्षा को लेकर फिक्रमंद हैं अभिभावक
बच्चों की शिक्षा को लेकर फिक्रमंद हैं अभिभावक

भूपेंद्र पांडेय, श्रावस्ती : लगभग नौ माह से स्कूल बंद हैं। बदहाल इंटरनेट के चलते ऑनलाइन पठन-पाठन भी ठप है। बच्चों के स्वास्थ्य के लिए फिक्रमंद अभिभावक उनकी शिक्षा को लेकर भी चितित हैं। घर बैठे-बैठे बच्चे पहले का सीखा ककहरा भी न भूल जाएं इसके लिए होम ट्यूशन की मांग बढ़ गई है। घर आकर बच्चे को पढ़ाने के लिए होम ट्यूटर को मुह मांगी फीस दी जा रही है। इसके बाद भी शिक्षकों की किल्लत बनी हुई है।

loksabha election banner

नेपाल सीमा से सटा श्रावस्ती जिला निरक्षरता का दंश झेल रहा है। लगभग 12 लाख की आबादी में महज 49.13 फीसद लोग साक्षर हैं। महिला साक्षरता दर 37.07 प्रतिशत है। नीति आयोग की ओर से चयनित आकांक्षी जिलों में शामिल होने के बाद से यहां शैक्षिक स्तर सुधारने के लगातार प्रयास हो रहे हैं। 889 प्राथमिक व 391 उच्च प्राथमिक स्कूलों में तैनात शिक्षकों के अलावा सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों को भी शैक्षिक सुधार के लिए लगाया गया है। सरकारी स्कूलों को कॉन्वेंट की तर्ज पर विकसित करने की कोशिश शुरू हुई थी। एक वर्ष के संयुक्त प्रयासों से सकारात्मक परिणाम नजर आने लगे थे। इसी बीच कोरोना संक्रमण के चलते मार्च के अंत में स्कूल बंद हो गए। लगभग लगभग डेढ़ लाख बच्चे स्कूल खुलने का इंतजार कर रहे हैं। घर बैठे पढ़ाई करने के विकल्प तो दिए गए है, लेकिन नेटवर्क की समस्या होने से यह प्रभावशाली नहीं सिद्ध हो पा रहा है। अभिभावकों को सता रही चिता

शिक्षक विवेक जायसवाल बताते हैं कि लॉकडाउन के बाद से ही अभिभावक बच्चों पढ़ाई को लेकर परेशान हैं। घर आकर ट्यूशन पढ़ाने के लिए अभिभावकों के लगातार फोन आ रहे हैं, लेकिन क्षमता से अधिक ट्यूशन नहीं पढ़ाया जा सकता है। शिक्षक अरविद पांडेय कहते हैं कि बच्चे के ट्यूशन के लिए अभिभावक सामान्य दिनों की अपेक्षा दो गुना तक भुगतान देने को तैयार हैं, लेकिन शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। इनसेट

क्या कहते हैं बीएसए

प्रभारी बीएसए कमलेश कुमार ने बताया कि 38 हजार बच्चे वाट्सअप ग्रुप से पढ़ाई कर रहे हैं। इसके अलावा रेडियो व टेलीविजन पर भी बच्चों के लिए शैक्षिक कार्यक्रमों का प्रसारण हो रहा है। इस मंच पर कितने बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं इसके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। इंटरनेट की समस्या के चलते ई-पाठशाला का संचालन प्रभावित हो रहा है। इसके बारे में समय-समय पर होने वाली बैठकों में शासन के अधिकारियों को भी अवगत कराया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.