जननी सुरक्षा योजना के सरकारी प्रयासों को पलीता लगा रहे जिम्मेदार
संसू, कटरा(श्रावस्ती): शिशु एवं मातृ मृत्युदर कम करने के सरकारी प्रयासों को जिम्मेदार ही पलीता लगा र
संसू, कटरा(श्रावस्ती): शिशु एवं मातृ मृत्युदर कम करने के सरकारी प्रयासों को जिम्मेदार ही पलीता लगा रहे हैं। आलम यह है कि इकौना सीएचसी से संबंधित बड़ी संख्या में प्रसूताओं को वर्षों बाद भी जननी सुरक्षा योजना की रकम का भुगतान नहीं किया गया है। आशा कार्यकर्ताओं के आंदोलन व विरोध-प्रदर्शन के बाद भी व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही है।
सुरक्षित व संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रसव के बाद महिलाओं को 1400 रुपये दिए जाने का प्राविधान है। प्रसव के तत्काल बाद यह राशि देनी होती है। इकौना ब्लॉक क्षेत्र के इटवारिया गांव की मीरा देवी व हसीना का दिसंबर 2017 में इकौना सीएचसी में प्रसव हुआ था। लगभग डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी इन्हें भुगतान नहीं मिला है। इसी प्रकार से अंधरपुरवा की आरती देवी, ललिता, मीरा, अंजनी आदि लगभग एक दर्जन महिलाएं जेएसवाई का भुगतान पाने के लिए भटक रही हैं। राप्ती के कछार में स्थित कोटवा, कंजड़वा, सलवारिया, लालपुर खदरा, अकबरपुर, बरईपुर, चिचड़ी, दहावरकला, मोहनीपुर, कटरा आदि गांवों में सैकड़ों महिलाएं प्रसव के बाद लंबे समय से जेएसवाई का भुगतान पाने के लिए सीएचसी का चक्कर काट रही हैं। इटवारिया गांव की महिला ने दिसंबर 2018 में नसबंदी कराया था। इसका प्रोत्साहन राशि अभी तक नहीं मिला है। आशा कर्मचारी यूनियन की जिलाध्यक्ष उमा मिश्रा का कहना है कि लाभाíथयों के भुगतान के लिए आंदोलन भी किया गया। लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है।
वर्जन===
स्वास्थ्य कार्यक्रमों में लापरवाही की शिकायत मिली है। जांच के लिए टीम गठित की गई है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
-राजेश मिश्रा, एसडीएम इकौना।