उम्मीदों की लौ से निखरने लगी तालाबों की सूरत
गांवों में लबालब भरे तालाब दे रहे जल संरक्षण को बढ़ावा
विजय द्विवेदी, श्रावस्ती : खबर के साथ छपी यह तस्वीर देखिए। यकीन नहीं होता कि यह वही गिलौला ब्लॉक के ककंधू गांव का जलाशय है जो चंद रोज पहले झाड़-झखाड़ से पटा था। पानी दिखना दुश्वार ही नहीं नामुमकिन था, लेकिन महिला ग्राम प्रधान का प्रयास और प्रवासियों की मेहनत रंग लाई। तालाब लबालब पानी से भर गया। साथ ही उम्मीद भी बंधने लगा कि अगर यही जज्बा कायम रहा तो ताल-तलैयों के दिन फिर से पुराने रौ में लौट आएंगे। अकेले ककंधू गांव ही नहीं, जिले के पांच ब्लॉकों में 334 गांव पंचायतों में तालाबों का जीर्णोद्वार होने से गांवों की सुंदरता में चारचांद लग रहे हैं। घर वापस आए प्रवासी के हुनरमंद हाथों का ही कमाल है कि उम्मीदों की लौ से तालाबों की सूरत निखरने लगी है।
हिमालय की तलहटी में घने वनों, कलकल, छल-छल करती नदियों, सुंदर मनोहारी वन्य जीवों, पशु-पक्षियों के कलरव से गुंजरित भू-भाग पर फैले श्रावस्ती में तालाबों की संख्या तीन हजार से अधिक ही होगी। इनमें आदर्श जलाशयों का सौंदर्यीकरण कराया गया था, लेकिन सौंदर्यीकरण के नाम पर की गई खानापूर्ति से तालाब झाड़झंखाड में तब्दील हो गए थे। लॉकडाउन के कारण विभिन्न शहरों व प्रदेशों से लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिले के सभी ग्राम पंचायतों में महत्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना(मनरेगा) के तहत कार्य शुरू कराया गया। कुल 36242 प्रवासी श्रमिकों में 18682 प्रवासियों को काम दिया गया। मनरेगा योजना के तहत ट्रेडवार कार्यों की चर्चा की जाए तो तालाब तीर्णोंद्वार के लिए जिले के सभी ब्लॉकों को चयनित कर कार्यों को शुरू कराया गया। बारिश के दौरान गांवों में लबालब भरे तालाब, जहां जलसंरक्षण को बढ़ावा दे रहे हैं वहीं कोरोना महामारी ने घर लौटे प्रवासी श्रमिकों को काम मिलने से उनके चेहरे पर खुशी झलक रही है। ककंधू की ग्राम प्रधान पुष्पा चौधरी बताती हैं कि इन तालाबों के सौंदर्यीकरण से जहां मवेशियों के लिए प्रचुर मात्रा में जल की उपलब्धता होगी, वहीं गांव-गांव में खुशहाली दस्तक देगी। इसके साथ ही गिरते हुए भू-गर्भीय जलस्तर की समस्या पर भी विराम लगेगा।
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ब्लॉक का नाम सौंदर्यीकरण तालाबों की संख्या
इकौना 22
गिलौला 61
हरिहरपुररानी 07
जमुनहा 22
सिरसिया 20
कुल तालाबों की संख्या 132
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कुल प्रवासी- 36242
कार्य में लगे प्रवासियों की संख्या- 18682
नियोजित श्रमिकों की संख्या- 25183
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मनरेगा के तहत 132 तालाबों का सौंदर्यीकरण कराया गया है। बाहर से आने वाले प्रवासियों को कार्य दिया जा रहा है। 18682 प्रवासी कार्य किए हैं। जिनका जॉबकार्ड नहीं बना है उन्हें भी जॉबकार्ड मुहैया कराया जा रहा है। पूरा प्रयास है कि प्रवासियों को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार से जोड़ा जाए।
उपेंद्र पाठक, डीसी मनरेगा