'आयुष्मान' का गोल्डन कार्ड बनाने गांव आएगी टीम
भूपेंद्र पांडेय श्रावस्ती आयुष्मान भारत योजना के लाभाíथयों के लिए अच्छी खबर है। गोल्डन कार्ड ब
भूपेंद्र पांडेय, श्रावस्ती: आयुष्मान भारत योजना के लाभाíथयों के लिए अच्छी खबर है। गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए अब उन्हें भटकना नहीं होगा। 30 सितंबर से पहले टीम गांव में आएगी। गोल्डन कार्ड बनाने के साथ इसके फायदे भी बताएगी। इसके लिए जनसेवा केंद्र संचालकों को प्रशिक्षित किया गया है।
गरीब परिवारों को बीमारी के समय दवा-इलाज के पैसे के लिए भटकना न पड़े, इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से अति महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के लिए जिले के 70 हजार परिवार पात्र हैं। इनका लगभग साढ़े तीन लाख गोल्डन कार्ड बनना है। संयुक्त जिला चिकित्सालय भिनगा के अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी गोल्डन कार्ड बनाने की व्यवस्था है। इसके बावजूद अब तक मात्र 13 हजार 500 परिवारों के 32 हजार 400 गोल्डन कार्ड बन सके हैं। अशिक्षित और आíथक रूप से कमजोर अधिकांश लाभार्थी अभी योजना के बारे में ठीक ढंग से जानते ही नहीं हैं। शत-प्रतिशत लाभाíथयों का गोल्डन कार्ड बनाने टीम गांव-गांव पहुंचेगी। 30 सितंबर तक 56 हजार 500 परिवारों का तीन लाख 17 हजार 600 गोल्डन कार्ड बनाया जाएगा।
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गांवों में चस्पा होगी सूची-
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वीके सिंह ने बताया कि एक दिन में 20 गांवों में टीम पहुंचेगी। एक दिन पहले संबंधित गांवों में योजना के सभी लाभाíथयों की सूची चस्पा कर दी जाएगी। आशा कार्यकर्ता लाभाíथयों को कैंप स्थल तक लेकर आएंगी।
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लाना होगा यह अभिलेख-
आयुष्मान भारत योजना के जिला कार्यक्रम समंवयक डॉ. पंकज यादव ने बताया कि कैंप में लाभाíथयों को आधार कार्ड के साथ प्रधानमंत्री का पत्र अथवा राशनकार्ड लेकर आना होगा। यहां केवाईसी की प्रक्रिया पूरी होगी। इसके बाद गोल्डन कार्ड प्रदेश पोर्टल पर जाएगा। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद इसे प्रिट किया जाएगा।
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30 रुपये लगेगा शुल्क-
सीएमओ ने बताया कि गोल्डन कार्ड के बदले में लाभाíथयों को 30 रुपये देने होंगे। यह पैसा कार्ड मिलने के बाद दिया जाएगा। जनसेवा केंद्र संचालक कार्ड प्रिट करने के बाद उसे लेमिनेट कर लाभार्थी को देंगे। इसके अलावा अन्य कोई शुल्क देय नहीं होगा।