कोरोना से मुक्ति के लिए घर-घर हुआ यज्ञ
अखिल विश्व गायत्री परिवार के आह्वान पर हुआ आयोजन
श्रावस्ती : कोरोना महामारी पर नियंत्रण के उद्देश्य से बुधवार को अखिल विश्व गायत्री परिवार के आह्वान पर घर-घर यज्ञ-हवन किया गया। इस दौरान महामारी से मुक्ति के लिए प्रार्थना की गई।
गायत्री परिवार के दधिबल सिंह ने बताया कि बुधवार को सुबह आठ से 12 बजे तक गृहे-गृहे गायत्री हवन कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसके तहत पूरे जिले में गायत्री परिवार से जुड़े सभी लोगों ने अपने घर पर यज्ञ किया। उन्होंने बताया कि इस समय संपूर्ण विश्व संकट के दौर से गुजर रहा है। शांतिकुंज हरिद्वार के आह्वान पर विश्व भर में लगभग एक करोड़ घरों में एक साथ गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ किया गया। इस यज्ञ में गायत्री मंत्र पर 24 बार व महामृत्युंजय मंत्र पर पांच बार आहुतियां दी गईं। यज्ञ में कोरोना उन्मूलन मंत्र की आहुति देकर पूरे विश्व को कोरोना से मुक्ति के लिए प्रार्थना की गई।
सावधानी से बच्चों को घर पर रखकर ही कोरोना से बचाएं
संसू, श्रावस्ती : आने वाले दिनों में कोविड-19 का असर बच्चों पर होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत सिर्फ कोरोना से ग्रसित गंभीर बच्चों को ही अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होगी। शेष का इलाज होम आइसोलेशन में रखकर किया जा सकता है।
सीएमओ डॉ. एपी भार्गव ने बताया कि दिशा-निर्देशों के अनुसार जिन बच्चों का आक्सीजन लेवल 90 से नीचे गिरता है, उन्हें कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाना चाहिए। बच्चों को स्टेरॉयड देने की मनाही की गई है। सिर्फ गंभीर बच्चों को जरूरत पड़ने पर यह दवा देने की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल हो रही रेमेडिसिविर, आइवरमेक्टिन, फैविपैराविर जैसी दवाओं को बच्चों को देने से मना किया गया है। जिन बच्चों का ऑक्सीजन लेवल 90 से कम आता है उन्हें गंभीर निमोनिया, एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिड्रोम, सैप्टिक शाक, मल्टी आर्गन डिस्फक्शन सिड्रोम जैसी बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे मरीजों को फौरन किसी कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाए और जरूरत पड़े तो आईसीयू में शिफ्ट किया जाए। इन बच्चों को स्टेरायड दिए जा सकते हैं। कुछ बच्चे बुखार के साथ पेट दर्द, उल्टी व दस्त की समस्या के आ सकते हैं, उनका भी कोरोना मरीज के तौर पर इलाज किया जाना चाहिए। उनका स्टूल टेस्ट कराने पर पुष्ट हो जाएगा कि उन्हें कोरोना है या नहीं। इसके अलावा कुछ बच्चों में मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिड्रोम (एमएसआईएस) भी हो सकता है। इसके लिए सतर्क रहने की जरूरत है। अधिकांश बच्चे लक्षणविहीन हो सकते हैं इसलिए उनका इलाज सावधानी से करने की जरूरत है।
क्या हो सकते है लक्षण
सीएमओ ने बताया कि ज्यादातर बच्चे लक्षणविहीन या हल्के-फुल्के लक्षण वाले हो सकते हैं। उनमें बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, थकावट, सूंघने व टेस्ट की क्षमता में कमी आना, नाक बहना, मांसपेशियों में तकलीफ, गले में खराश हो सकती है। कुछ बच्चों में दस्त आना, उल्टी होना, पेट दर्द हो सकता है। कुछ में मल्टी सिस्टम इन्फ्लामेट्री सिड्रोम होगा। ऐसे बच्चों को बुखार 100.4 डिग्री फारेनहाईट से अधिक होगा, उनके लक्षण सार्स-कोव-2 से संबंधित हो सकते हैं। इन बच्चों में खांसी, नाक बहना व गले में खराश जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।