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सियासत के बदलने लगे समीकरण

निलंबित विधायक के पैतरे से डगमगाने लगी कई क्षत्रपों की सियासी नैया

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 11:05 PM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 11:05 PM (IST)
सियासत के बदलने लगे समीकरण
सियासत के बदलने लगे समीकरण

श्रावस्ती (विजय द्विवेदी) : अपने जंगलात, अच्छी किस्म की लकड़ी और नेपाल से लगे होने के कारण श्रावस्ती का भौगोलिक महत्व कुछ भी हो, लेकिन गिरते पारे के साथ यहां का राजनीति माहौल गर्म है। पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप में बसपा से निलंबित किए गए विधायक मुहम्मद असलम राइनी के पैतरेबाजी ने यहां के सियासी समीकरण को ही बदल दिया है। टिकट को लेकर कई क्षत्रप सांसत में आ गए हैं। सियासी समीकरण साधने लगे हैं। साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए निलंबित बसपा विधायक ने नया समीकरण तैयार कर दिया है।

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भाजपा का गढ़ माने जाने वाले अवध क्षेत्र के देवीपाटन मंडल के 20 विधानसभा सीटों में सिर्फ भिनगा विधानसभा से बसपा ने परचम लहराया था। अपने काडर के बल पर शक्ति और अनुशासन के चलते बसपा का संगठन मजबूत माना जाता है, लेकिन पार्टी के सिद्धांतों को इतिहास बनाते हुए भिनगा विधायक ने राज्यसभा चुनाव के बहाने बगावत करके पार्टी को उलझी विसात से रूबरू करा दिया है। निलंबित बसपा विधायक किस दल का दामन थामेंगे, अभी भविष्य के गर्भ में है, मगर अपने अन्य साथी विधायकों के साथ सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से मिलकर उन्होंने अपने समर्थकों को संदेश भी दे दिया है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि अगर विधायक मुहम्मद असलम राइनी साइकिल पर सवार हो गए तो भिनगा व श्रावस्ती विधानसभा का चुनावी समीकरण ही बदल जाएगा। श्रावस्ती विधानसभा में सपा से रनर रहे पूर्व विधायक हाजी मुहम्मद रमजान व भिनगा की पूर्व विधायक इंद्राणी वर्मा के साथ अन्य दावेदारों की सियासी नैया भी डगमगा सकती है। वैसे तो राजनीति में सबकुछ जायज है। इसकी पुष्टि इतिहास के पन्ने पलटने पर हो जाती है, लेकिन विधानसभा चुनाव के पहले निलंबित बसपा के विधायक ने पासा पलट कर राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है। निलंबित बसपा विधायक मुहम्मद असलम राइनी कहते हैं कि पार्टी सुप्रीमो बहनजी के निलंबन आदेश का स्वागत है, मगर निष्कासन के सवाल पर उनके तेवर तल्ख हो जाते हैं। कहते हैं- उनसे कह दो, गमो रंज पैदा न करें, चमन से गुजरें तो मगर फूलों को रौंदा न करें। जागरण संवाददाता के इस सवाल पर कि राजनीति में उनका अगला कदम क्या होगा। इस पर वे बेबाकी से जवाब देते हैं कि साल भर चुप रहना है, नहीं तो विधानसभा की सदस्यता चली जाएगी। हाल फिलहाल भिनगा विधायक ने पार्टी को बगावत का जख्म देकर सपा-बसपा खेमे में बेचैनी पैदा कर दी है। हां इतना जरूर है कि नीले पर्दे के पीछे से बसपा के निलंबित विधायक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गुणगान अभी भी कर रहे हैं।


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