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24 गांवों में मनरेगा के मानक तक नहीं दिया गया काम

श्रावस्ती: गांवों में रोजगार देने के मामले में जिले के 24 गांवों में मनरेगा पूरी तरह फेल रही है। एक

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 11:55 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 11:55 PM (IST)
24 गांवों में मनरेगा के मानक तक नहीं दिया गया काम
24 गांवों में मनरेगा के मानक तक नहीं दिया गया काम

श्रावस्ती: गांवों में रोजगार देने के मामले में जिले के 24 गांवों में मनरेगा पूरी तरह फेल रही है। एक वर्ष में तीन हजार मानव दिवस के सापेक्ष कई गांव ऐसे हैं, जहां 10 प्रतिशत काम भी नहीं कराया गया है। बीते दो वर्षों में भी इन गांवों में मनरेगा की स्थिति खस्ताहाल रही है। उपायुक्त श्रम ने रोजगार सेवकों को नोटिस जारी कर लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

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ऐसी ग्राम पंचायतें जहां रोजगार सेवकों की तैनाती है वहां स्थानीय श्रमिकों को घर के निकट रोजगार उपलब्ध कराने के लिए एक साल में तीन हजार मानव दिवस सृजन किया जाना अनिवार्य है। 24 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं जहां तय सीमा तक काम न देकर श्रमिकों को मजदूरी के अधिकार से वंचित रखा गया है। इनमें इकौना ब्लॉक की ग्राम पंचायत कोलाभार, मजगवा, लालबोझी, चैनपुर, चिचड़ी, बगही, पटखौली कला, मिश्रौलिया व खरगौरा गनेश, गिलौला ब्लॉक के भवानीनगर, हरिहरपुर, विजयपुर सिसावा व परेवपुर शामिल हैं। हरिहरपुररानी ब्लॉक की ककरदरी, जमुनहा के कानीबोझी, गजोबरी, चंदन कोटिया, सेहरिया, श्रीनगर, धूमबोझी दुर्गा व सिरसिया ब्लॉक की संग्रामगंज, लक्ष्मनपुर बाजार, अग्गापुर, रानीपुर भेला, बुटहर ग्राम पंचायतें इसमें शामिल हैं। तीन साल में सबसे बदहाल गांव

गांव का नाम 2016-17 2017-18 2018-19

सेहरिया 770 1304 856

चंदन कोटिया 654 962 684

कानी बोझी 820 605 149

गजोबरी 628 1065 589

बगही 986 2922 317

हरिहरपुर 100 1556 584

लक्ष्मनपुर बाजार 243 889 556

संग्रामगंज 310 564 298

बुटहर 281 1390 632 मनरेगा में किसी भी तरह की लापरवाही अक्षम्य होगी। खराब प्रदर्शन का आकलन कर रोजगार सेवकों को नोटिस दी गई है। हर हाल में निर्धारित मानव दिवस सृजित करना होगा। ऐसा न होने पर कार्रवाई की जाएगी।

राजेश कुमार, उपायुक्त श्रम


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