लीड: बिना जांच पिलाते पानी, खतरे में जिदगानी
जिले में मिनरलस्थ्य से खिलवाड़ कर धड़ल्ले से अपनी दुकान चला रहे हैं।
बलरामपुर : जिले में लोगों को जहर पिलाया जा रहा है। पानी का लैब टेस्ट कराए बिना ही सैकड़ों प्लांट संचालित हो रहे हैं। अधिकांश के पास लाइसेंस भी नहीं है। पानी में आयरन, आर्सेनिक व अन्य आवश्यक तत्व संतुलित मात्रा में न होने से लोगों में थॉयराइड समेत कई बीमारियां फैल रही हैं। जल दोहन भी भारी पैमाने पर हो रहा है। जिससे भूगर्भ जलस्तर 40 फीट से खिसकर 60-70 फीट तक पहुंच गया है। जिम्मेदार अफसर प्लांट संचालकों पर कार्रवाई की जहमत नहीं उठा रहे हैं। जिससे वह आमजन के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर धड़ल्ले से अपनी दुकान चला रहे हैं। 20 से 30 रुपये में देते हैं डिब्बा :
-नगर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में मिनरल वाटर की मांग बढ़ी है। वजह, आरओ प्लांट संचालक 20 लीटर पानी महज 20 से 30 रुपये में लोगों के घर तक पहुंचाते हैं। आलम यह है कि सरकारी कार्यालय हो, विद्यालय, डॉक्टर की क्लीनिक व छोटी-बड़ी दुकान, सभी जगहों पर आरओ वाटर का डिब्बा रखा मिल जाएगा। कारणवश बाजार में मिनरल वाटर के एक लीटर की बोतल 20 रुपये व दो लीटर 30 रुपये में मिलती थी। ऐसे में 20-30 रुपये में 20 लीटर शुद्ध पानी को फायदे का सौदा मानकर लोग इसे शौक से खरीद रहे हैं। 100 से अधिक प्लांट हैं संचालित :
-जिले के चारों नगर निकायों व गांव-कस्बों में करीब 100 आरओ प्लांट संचालित हैं। जहां से आरओ प्लांट संचालक गांवों-कस्बों में भी पानी का डिब्बा पहुंचाया जाता है। इनमें से इका-दुक्का ने ही लैब में आर्सेनिक, आयरन व अन्य तत्वों की जांच जल संस्थान लखनऊ से करा रखी है। जबकि अन्य बिना जांच के ही पानी परोस रहे हैं। अधिकांश ने भूगर्भ विभाग से अनुमति भी नहीं ली है।
क्या कहते हैं एडीएम:
-अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार शुक्ल ने बताया कि अभियान चलाकर आरओ प्लांट संचालकों की जांच कराई जाएगी। मानकों के विपरीत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।