केसीसी के लोन में हो रहा कमीशन का 'खेल'
शाखा प्रबंधक लेते हैं छह फीसद हिस्सेदारी फाइल बनवाने के खर्च के नाम लिए जाते हैं ।
शाखा प्रबंधक लेते हैं छह फीसद हिस्सेदारी, फाइल बनवाने के खर्च के नाम लिए जाते हैं चार हजार रूपये
संसू, श्रावस्ती : किसानों को खेती की पूंजी के लिए केसीसी योजना के तहत ऋण लेना है तो पहले कमीशन तय करना होना। ऋण की कुल राशि का छह प्रतिशत कमीशन शाखा प्रबंध खुद लेते हैं। इसके अलावा केसीसी की फाइल तैयार करवाने का खर्च व अधिवक्ता की फीस का भुगतान भी सीधे शाखा प्रबंधक को ही करना पड़ता है। यूनियन बैंक शाखा इकौना से केसीसी बनवाने के लिए पूछ कर निराशा के भाव के साथ लौट रहे किसानों से जागरण संवाददाता ने बातचीत की तो भ्रष्टाचार की परतें खुल कर सामने आ गईं।
इकौना ब्लॉक क्षेत्र के भगवानपुर निवासी शिशिर ने बताया कि धान की उपज कौड़ी के भाव बिक रही है। घर खर्च का बजट बनाएं तो रबी की खेती के लिए पूंजी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। ऐसे में केसीसी योजना की मदद लेकर खेती किसानी संभालने की कोशिश थी। इसके लिए बैंक से बात की, लेकिन कमीशन व अन्य खर्च सुनकर ऋण करवाने की हिम्मत नहीं पड़ रही है। किसान ने बताया कि लगभग सभी बैंकों का यही हाल है। केसीसी बनवाने में पूरी तरह बिचौलिए हावी है। मध्यस्थों के बिना फाइल तैयार करवाकर जमा भी कर दिया जाए तो ऋण स्वीकृत नहीं हो पाएगा। शाखा प्रबंधकों का कहना है कि ऋण देना है अथवा नहीं यह मेरा विशेषाधिकार है। योजना का लाभ लेना है तो कमीशन तो देना ही होगा। अन्य बैंकों से चक्कर लगाकर थकने के बाद यूनियन बैंक से भी निराश होकर वापस लौट रहे किसान ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सारे बैंकों का एक ही हाल है। निष्ठा और ईमानदारी की दुहाई सिर्फ मंच पर दी जाती है। केसीसी का ऋण लेना है तो भ्रष्टाचार के रास्ते से ही सफर पूरा करना होगा। ऋण की पूरी राशि पर ब्याज देना होगा, जबकि हाथ में भुगतान कमीशन की राशि काट कर ही दिया जाता है। एलडीएम अनल कुमार ने बताया कि बैंक जाने पर किसान को ऋण लेने में कोई असुविधा होती है तो फोन पर मुझसे संपर्क करें। समस्या का समाधान कराया जाएगा।