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चर्चा में है अखिलेश से निलंबित बसपा विधायक की मुलाकात

बसपा के निलंबित विधायक की मुलाकात के गूढ़ निहितार्थ खोजे जा रहे हैं। सपा सुप्रीमो के साथ हुई गुफ्तगूं पर पैनी नजर लगाए लोग अब अटकलों में उलझे नजर आ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 11:07 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 11:07 PM (IST)
चर्चा में है अखिलेश से निलंबित बसपा विधायक की मुलाकात
चर्चा में है अखिलेश से निलंबित बसपा विधायक की मुलाकात

विजय द्विवेदी, श्रावस्ती

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तथागत भगवान बुद्ध की तपोस्थली श्रावस्ती में सपाइयों का प्रशिक्षण शिविर सियासी हल्कों में चर्चा और कौतूहल का विषय बन गया है। कार्यकर्ताओं को चुनावी मंत्र देने आए सपा सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से रविवार की रात बसपा के निलंबित विधायक मोहम्मद असलम राइनी ने मिलकर सियासी चर्चा को और गरम कर दिया है।

बसपा के निलंबित विधायक की मुलाकात के गूढ़ निहितार्थ खोजे जा रहे हैं। सपा सुप्रीमो के साथ हुई गुफ्तगूं पर पैनी नजर लगाए लोग अब अटकलों में उलझे नजर आ रहे हैं।

श्रावस्ती ही पार लगाएगा सपा की नाव, ऐसे संकेत सपा सुप्रीमो के श्रावस्ती दौरे से परिलक्षित नजर आ रहा है। इससे पूर्व भी लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी उतारने को लेकर सपा बुद्ध की तपोस्थली पर मंथन कर चुकी है। पिछले विधानसभा चुनाव में श्रावस्ती और भिनगा से सपा का सफाया होने के बाद यहां पार्टी हासिए पर चली गई। सपा को नई उर्जा देने में लगे पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने देवीपाटन मंडल के कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर उन्हें चुनाव जीतने का मंत्र तो दिया ही साथ ही संगठन में प्राण वायु फूंकने का भी प्रयास किया। इसी दौरान सपा सुप्रीमो से बसपा के निलंबित विधायक ने भेंट कर सियासी माहौल को और गरम कर दिया। राज्यसभा चुनाव में पार्टी से बगावत कर चर्चा में आए भिनगा विधायक को बसपा से निलंबित कर दिया गया था। पार्टी से बगावत करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलकर उन्होने संकेत दे दिया था कि वह झंडा बदलने वाले हैं, लेकिन कहीं विधानसभा की सदस्यता न चली जाए इसलिए वे खामोशी का चादर ओढ़कर बैठ गए। वैसे तो विधायक का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री अपने जिले में आए थे, प्रोटोकाल के तहत उनसे मिलकर उनका स्वागत किया गया है। आधे घंटे की वार्ता की बात उन्होंने स्वीकार करते हुए कहा कि अगली रणनीति सितंबर-अक्टूबर तक बनेगी। बसपा कोआíडनेटर राजकुमार कुरील ने बताया कि पार्टी कार्यक्रमों में भाग लेने से इन पर ऊपर से रोक लगी है। उन्होंने बताया कि इन्हें किसी भी कार्यक्रम में बुलाया भी नहीं जाता है।


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