भिनगा कोतवाली की सीबीसीआइडी से जांच कराने की मांग
श्रावस्ती: कानून व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रखने के बजाय भिनगा कोतवाली पर अपराध व अपराधियों को प्रश्
श्रावस्ती: कानून व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रखने के बजाय भिनगा कोतवाली पर अपराध व अपराधियों को प्रश्रय देने का आरोप लगाते हुए बसपा विधायक ने कोतवाली की जांच सीबीसीआइडी से कराने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने बाकायदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है।
बसपा विधायक मुहम्मद असलम राइनी ने बताया कि अपराध रोकने के मामले में भिनगा कोतवाली पुलिस की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि चार मई को मछरिहवा गांव में बकरी चराने को लेकर हुए विवाद में कुछ लोगों ने मुंशरीफ, मुहर्रम अली व इदू आदि पर कुल्हड़ी तथा फरसे से हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी पीड़ितों की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने मात्र एनसीआर दर्ज किया। आरोप है कि हल्का दारोगा ने मुकदमा लिखवाने पर उलटे गंभीर धारा में बंद कर जेल भेजने की धमकी दी। इस मामले में मुंशरीफ व इदू को सर में गंभीर चोटें आई थी। संयुक्त जिला चिकित्सालय से दोनों को ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया। यहां 17 मई को मुंशरीफ की मौत हो गई। इदू की हालत में सुधार न होने पर चिकित्सकों ने उन्हें घर भेज दिया। इतना सबकुछ होने के बाद भी कोतवाली पुलिस मौन साधे रही। 18 मई को विधायक ने एसपी से मुलाकात कर उन्हें घटना की गंभीरता से अवगत कराया। तब जानकारी हुई कि भिनगा कोतवाल ने एसपी को घटनाक्रम के बारे में पूरी जानकारी ही नहीं दी थी। हत्या के प्रयास जैसे मामले में महज एनसीआर दर्ज कर औपचारिकताएं पूरी करना भिनगा कोतवाल समेत कोतवाली के अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका को संदेह के घेरे में खड़ा करती है। विधायक ने बताया कि पहले भी ऐसी गंभीर घटनाएं हो चुकी है। जिसमें कोतवाली पुलिस पूरी तरह निष्क्रिय रही है। एसपी के संज्ञान में मामला आने पर उनके आदेश पर कोतवाली पुलिस ने धारा 304 के तहत उक्त मामले में मुकदमा दर्ज किया। आरोपियों में से सिर्फ दो की ही गिरफ्तारी हो सकी है। पूरा प्रकरण यह सिद्ध करता है कि भिनगा कोतवाली में कानून का राज समाप्त हो गया है और जंगल राज कायम है। विधायक ने मुख्यमंत्री से कोतवाली की सीबीसीआइडी से जांच करवाकर सबका साथ सबका विकास का नारा चरितार्थ करने की अपेक्षा की है।