सावन के पहले दिन से ही झमाझम बारिश
सावनी गीतों से गुलजार हो रहे खेत 10 सेमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रहा राप्ती का जलस्तर
जासं, श्रावस्ती: सावन लगते ही तराई में मेघ मेहरबान हो गए। सावन के पहले दिन से शुरू हुई बारिश का सिलसिला जारी है। झमाझम हो रही बारिश के बीच धान की रोपाई भी तेज हो गई है। खेत सावनी गीतों से गुलजार रहे हैं। किसान खुशहाल हैं। बारिश के चलते राप्ती का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। राप्ती का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया। जमुनहा तहसील क्षेत्र के मल्हीपुर-भिनगा मार्ग की ओर राप्ती नदी बढ़ती आ रही है। कटान को लेकर तटवर्ती गांव के लोग दहशत मे हैं। मंगलवार को शाम पांच बजे राप्ती का जलस्तर 127.40 सेमी रिकॉर्ड किया गया, जो खतरे के निशान से 30 सेमी नीचे है।
सोमवार ही हो रही बारिश से राप्ती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ना शुरू हो गया। जमुनहा तहसील क्षेत्र के मल्हीपुर-भिनगा मार्ग को काटने को राप्ती बेताब दिख रही है। मधवापुर पुल के पास बने एप्रोच को भी राप्ती की धारा निगलने लगी है। धारा बदल रही राप्ती नदी एप्रोच को काटते हुए मल्हीपुर-भिनगा मार्ग की ओर तेजी से बढ़ रही है। इससे आसपास के गांवों के लोग दहशतजदा हैं। प्रमोद शर्मा, वीर बहादुर पाठक, रामकुमार वर्मा ने बताया कि नदी बड़ी तेजी से कटान कर रही है। यदि समय रहते उपाय नहीं किए गए तो इलाके का संपर्क अन्य क्षेत्रों से कट जाएगा। बाढ़ को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। एसडीएम आरपी चौधरी ने बताया कि क्षेत्रीय लेखपालों को बाढ़ प्रभावित गांवों पर नजर रखने को कहा गया है। राप्ती बैराज पर सुबह आठ बजे से लेकर दोपहर तीन बजे तक जलस्तर 127.30 सेमी पर स्थिर रहा। शाम पांच बजे जलस्तर बढ़कर 127.40 पर पहुंच गया, जो खतरे के निशान से 30 सेमी नीचे है। राप्ती का जलस्तर 10 सेमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है। तटवर्ती गांवों में बाढ़ को लेकर बेचैनी बढ़ गई है। हो रही झमाझम बारिश से गांव से लेकर शहर तक जलभराव की स्थिति बन गई है।