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10 और शिक्षकों पर लटकी सेवा समाप्ति की तलवार

नहीं हुए उपस्थित तो दर्ज होगा मुकदमा प्रभारी बीएसए ने नोटिस जारी कर दिया अंतिम अवसर

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 10:55 PM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 10:55 PM (IST)
10 और शिक्षकों पर लटकी सेवा समाप्ति की तलवार
10 और शिक्षकों पर लटकी सेवा समाप्ति की तलवार

संसू, श्रावस्ती : लंबे समय से गायब चल रहे परिषदीय विद्यालयों के दस और शिक्षकों पर सेवा समाप्ति की तलवार लटक गई है। बीएसए ने नोटिस जारी कर इन्हें उपस्थित होने के लिए अंतिम अवसर दिया है। तय समय बीतने के बाद इन शिक्षकों को फर्जी मानते हुए सेवा समाप्त कर दी जाएगी। इनके विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।

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फर्जी अभिलेखों के सहारे नौकरी हथियाने वाले शिक्षकों का राजफाश होने के बाद तत्कालिक बीएसए ओमकार राणा ने वर्ष 2010 के बाद नियुक्त शिक्षकों के अभिलेखों का नए सिरे से सत्यापन कराने की कार्रवाई शुरू की थी। यह कार्रवाई शुरू होने के बाद बड़ी संख्या में शिक्षक बिना किसी सूचना के गायब हो गए थे। 12 शिक्षकों के अभिलेख फर्जी पाए जाने पर इनकी सेवा समाप्त करते हुए इनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था। वेतन व अन्य मदों में किए गए भुगतान की वसूली के लिए भी नोटिस दी जा चुकी है। इस कार्रवाई से इतर 10 और शिक्षक लंबे समय से फरार चल रहे हैं। इन्हें अपना पक्ष रखने के लिए 26 अक्टूृबर तक उपस्थित होने का अंतिम मौका दिया गया है। यह शिक्षक हैं फरार

प्रभारी बीएसए कमशेल कुमार ने बताया कि जमुनहा ब्लॉक में प्राथमिक विद्यालय अहिरन देवरा के सहायक शिक्षक संजय कुमार श्रीवास्तव, देवरा के विनोद कुमार, हरिहरपुररानी ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय गोठवा के शिक्षक विजय प्रकाश, उच्च प्राथमिक विद्यालय असनहरिया के शिक्षक उमेश कुमार मिश्र, बहादुरपुरवा के प्रधान शिक्षक अनुराग यादव, शाहपुरकलां के अरुण कुमार, असईपुरवा के शुभाष चंद्र, गिलौला के प्रावि सोहरवापुरवा की चंद्रप्रभा त्रिपाठी, सिरसिया के उप्रवि, बंठिहवा की विजयलक्ष्मी सिंह व प्रावि मोतीपुर मसहा के प्रधान शिक्षक सर्वेश कुमार लंबे समय से गायब चल रहे हैं। बीएसए ने बताया कि 26 अक्टूबर तक यह शिक्षक उपस्थित नहीं हुए तो इन्हें फर्जी मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।

एसआईटी के भी निशाने पर हैं शिक्षक शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के लिए शासन ने एसआईटी को जिम्मेदारी दी है। यह टीम आगरा विश्वविद्यालय के बीएड डिग्री धारक शिक्षकों के अभिलेखों की जांच कर रही है। श्रावस्ती के भी कुछ शिक्षक इस टीम के रडार पर हैं। एसआईटी के सदस्य जानकारी जुटाने के लिए कई बार जिले का दौरा भी कर चुके हैं।


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